प्रयागराज, 10 सितम्बर (हि.स.)। राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल मंगलवार को प्रो0 राजेन्द्र सिंह ‘‘रज्जू भैया’’ विश्वविद्यालय में आयोजित सप्तम दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को स्कूल बैग एवं अन्य उपहार सामग्री का वितरण किया तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकत्रियों को खेल का सामान व आंगनबाड़ी किट प्रदान किया। राज्यपाल ने विभिन्न विद्यालयों में करायी गयी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही विभिन्न विद्यालयों में अच्छा कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में 151 विद्यार्थिंयों को कुल 155 पदक तथा स्नातक, परास्नातक एवं व्यवसायिक के विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 1,15,827 छात्रों को उपाधियां दी गयी। राज्यपाल ने कहा कि पदक प्राप्त करने में छात्राओं का प्रतिशत दोगुने से अधिक है, जो बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत एवं दृढ़ इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करता है। उन्होंने उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीर्थनगरी प्रयागराज तथा संगम के पावन तट पर स्थित प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षान्त समारोह में आप सभी के मध्य उपस्थित होकर मुझे अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार देने में माताओं का विशेष योगदान रहता है। माताएं अपने अनुभव से बच्चों का पालन पोषण करती है तथा बच्चों को संस्कारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। माताओं का सम्मान सबसे ज्यादा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों का संस्कार, कल्चर, व्यवहार, भाषा अच्छे ढंग से होना चाहिए, तभी इस मेडल का महत्व होगा। उन्होंने कहा कि हम इसलिए पढ़ते है कि हम पहले अच्छा नागरिक एवं इंसान बने तथा दूसरो को भी अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए केन्द्र व राज्य सरकार से जो भी बजट प्राप्त हो रहे है, उसका उपयोग बच्चों के कल्याण के लिए होना चाहिए। केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के साथ-साथ यूजीसी के द्वारा भी बजट उपलब्ध कराया जाता है।
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य सही मायने में तभी सार्थक माना जायेगा, जब इस देश की नारी सशक्त होगी। उच्च शिक्षा महिलाओं को न केवल ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का अवसर भी देती है। शिक्षित महिलाएं बेहतर निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं, अपने परिवार और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ए0एस0 किरन कुमार ने कहा कि हमें रज्जू भैया की तरह धैर्यवान, जिम्मेदार, संवेदनशील व सबका सम्मान करने वाला व्यक्ति बनना चाहिए। उनके बताये मार्ग पर चलते हुए इस राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा। हमारा सूत्र यह होना चाहिए कि हमारे लिए सबसे सर्वोपरि राष्ट्र, फिर समाज, फिर परिवार व व्यक्ति होना चाहिए।
इस अवसर पर मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर के कुल 780 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। वर्तमान में लगभग 6 संकाय के अंतर्गत 27 विभाग संचालित हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए बहुप्रवेश व बहुविकास का अंकन किया गया है। इसमें सबसे अच्छी बात है यह है कि संस्थाओं की गुणवत्ता, आधार पर आटोनोमिक की व्यवस्था की गयी है।
इस अवसर पर राज्यमंत्री, उच्च शिक्षा श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि ‘‘रज्जू भैया’’ विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होकर मुझे हर्ष की अनुभूति को रही है। उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला ने कहा है कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जो दुनिया बलदने की शक्ति रखता है। केन्द्र सरकार ने रोजगार रूपी शिक्षा का संकल्प लिया है। राज्यपाल के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। नई शिक्षा नीति-2020 रोजगार परक है, जिसमें कौशल विकास से लेकर प्रौद्योगिकी, तकनीकी ज्ञान को शामिल किया गया है, जिसके अन्तर्गत पठन-पाठन के कार्य में विशेष बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यक्रमों एवं विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक राजमणि कोल, विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी, डॉ0 के0पी श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगणों के अलावा विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा के उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।