सहरसा, 6 सितंबर (हि.स.)। संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली के सहयोग से बटोही, सहरसा द्वारा आयोजित ‘आदि विम्ब महोत्सव 05 एवं 6 सितंबर को मनखाही के मुक्ताकाश प्रांगण में किया गया। महोत्सव का उद्घाटन फ़िजी में भारत के पूर्व राजनायिक एवं कला विद प्रो ओम प्रकाश भारती ने किया।
उद्घाटन उद्बोधन में प्रो भारती ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में लोक एवं आदिवासी कला का सरंक्षण अति आवश्यक है। आदिवासी कला मानवीय मूल्यों एवं प्रकुति संरक्षण की धारण को स्थापित किया गया है। आदिवासी काल के अनुसार से ही भारत विश्व गुरु बनेगा।दो दिवसीय महोत्सव पूर्णिया, सहरसा कटिहार मधेपुरा, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज के आदिवासी कलाकारों ने नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति की।
शंहपूर एवं सांथली टोला, मधेपुरा सुमन टुडू के नेतृत्व में दोंग तथा बाहा नृत्य प्रस्तुति की।सरोनी दमदह पूर्णिया से विनोद वेसरा के नेतृत्व आदिवासी कलाकारों ने लांगराई नृत्य गीत की प्रस्तुति की। अररिया जिले से बेचन उरांव के नेतृत्व में आदिवासी कलाकारों ने उरांव नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति की।
बटोही के सचिव डॉ महेंद्र कुमार ने कहा बटोही पिछले पांच वर्ष से आदिवासी कला एवं ‘आदि विम्ब महोत्सव ‘ का आयोजन करते आ रही है। केन्द्रीय ‘संगीत नाटक अकादेमी’ नई दिल्ली को बहुत – बहुत आभार जिन्होंन इस महोत्सव के लिए सहयोग किया। इस अवसर पर भूतपूर्व मुखिया नरेश यादव एवं समाज सेवक मुकेश कुमार ,रामजी मंडल,मनोज कुमार , पुरु यादव ,दीपक कुमार,अविनाश एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।