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बिहार में फिर न्यू-जूनियर की चिंगारी, तेजस्वी से मुलाकात के बाद नीतीश पर फिर वार का डर

बिहार नीतीश कुमार समाचार अपडेट:   तीन दिन पहले बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुई मुलाकात के बाद बीजेपी में तनाव है. बताया जाता है कि राज्य में सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात हुई है, लेकिन बीजेपी का मानना ​​है कि नीतीश एक बार फिर पलटी मारने को तैयार हैं. 

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के कारण नीतीश को डर है कि नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी डूब जाएगी. बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि 2022 में जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात के बाद नीतीश ने बीजेपी छोड़ राजद का समर्थन ले लिया. नीतीश के अब वही इतिहास दोहराने की संभावना है. 

जेडीयू सूत्र भी मानते हैं कि नीतीश कभी भी पलटी मारेंगे. जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि नीतीश इस बात से नाराज हैं कि बीजेपी ने जेडीयू का बार-बार अपमान और अनादर किया है, जबकि उसने नीतीश का समर्थन बरकरार रखा है. हाल ही में जेडीयू प्रवक्ता के.सी. त्यागी के बयान पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी ने नीतीश को प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया. यह संकेत है कि त्यागी के इस्तीफे के बाद नीतीश ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की. जेडीयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर मोदी सरकार के रुख से भी नाराज हैं. हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण और उसके कारण आरक्षण देने पर रोक लगा दी है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का रुख अहम है. नीतीश ने बार-बार मोदी सरकार से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने और मामले को जल्द निपटाने को कहा है, लेकिन केंद्र इस संबंध में बहुत सक्रिय नहीं है। अगर बिहार में जाति आधारित सर्वे के आधार पर आरक्षण को हरी झंडी मिलती है तो अन्य राज्यों में भी यह मांग तेज हो जायेगी. बीजेपी को लगता है कि इससे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत अन्य पार्टियों को ज्यादा फायदा होगा. 

जेडीयू मोदी सरकार का हिस्सा है लेकिन उसके पास कोई बड़ा मंत्रालय नहीं है। हालांकि बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं है, लेकिन जेडीयू को केंद्र सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री मिला है. जेडीयू अपने लोगों को राज्यपाल और केंद्र सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण बोर्डों में नियुक्त करना चाहती है, लेकिन बीजेपी नहीं सुन रही है, इसलिए नीतीश पलटने को तैयार हैं.