कानपुर, 30 अगस्त (हि.स.)। महानगर क्षेत्र में बहुत से तालाब कागजों पर दर्ज हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हैं। कागजों पर दर्ज इन तालाबों को भूमाफिया पाटकर अवैध रुप से प्लाटिंग कर बेच डाले हैं। शहर में कुछ ही तालाब बचे हैं और उन पर भी भूमाफियाओं की नजर है। ऐसे में कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) और नगर निगम आपस में तालमेल बैठाकर सभी अवैध कब्जों को हटाकर तालाबों को खाली कराएं। यह बातें शुक्रवार को केडीए और नगर निगम की बैठक में महापौर प्रमिला पाण्डेय ने कही।
कानपुर शहर में मौजूद तालाबों पर हुए अवैध कब्जों तथा नगर निगम की जमीनों पर किए जा रहे कब्जों को लेकर शुक्रवार को नगर निगम और केडीए के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए महापौर प्रमिला पाण्डेय ने कहा कि एक समय था जब शहर में अनेकों तालाब हुआ करते थे और यह तालाब आज भी कागजों में दर्ज हैं, लेकिन मौजूद समय में अधिकांश तालाब गायब हो गए हैं। इन सभी तालाबों पर भू माफियाओं द्वारा कब्जा कर उनकी बिक्री कर दी गई है और केडीए ने ऐसी जमीनों के नक्शे भी पास कर दिए। इस तरफ केडीए प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है, साथ ही अनेकों स्थानों पर नगर निगम की मौजूदा जमीन भी अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर ली गई है।
महापौर ने कहा कि नगर निगम व केडीए प्रशासन आपस में तालमेल बैठा लें तथा कब्जा की गई जमीनों की जानकारी करें साथ ही उन पर अपना कब्जा लें तभी आम जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगी। इसी तरह से सीसामऊ में मौजूद एक प्राचीन मंदिर के मामले पर महापौर ने कहा कि यह काफी पुराना मंदिर था। इसमें कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। एक पक्ष का कहना है कि यहां कभी मंदिर ही नहीं रहा, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि यहां पर एक पुराना मंदिर मौजूद है और उसमें अष्टधातु की मूर्तियां भी मौजूद थी, परंतु वर्तमान समय में वह मूर्तियां गायब कर दी गई हैं। इस मामले में नगर निगम प्रशासन कार्यवाही करेगा और जल्द ही इस मामले की जांच कराकर मंदिर का पुनः निर्माण करवाया जाए।