प्रयागराज, 30 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा उ प्र से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है कि कानून के खिलाफ विभागीय गलती से अधिक वेतन भुगतान की वसूली के आदेश लगातार क्यों जारी किए जा रहे हैं।
कोर्ट वित्त एवं आडिट अधिकारी औरैया को भी हलफनामे में बताने का आदेश दिया है कि किन परिस्थितियों के कारण उन्होंने कानून के खिलाफ सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक याची से अधिक वेतन भुगतान की वसूली का आदेश जारी किया। क्यों न उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के रफीक मसीह केस के फैसले के खिलाफ आदेश पारित करने पर अवमानना कार्यवाही की जाय।
कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से दो हफ्ते में हलफनामा मांगा है और कहा है कि आदेश का पालन न करने की दशा में दोनों अधिकारी 18 सितम्बर को हाजिर हों।
कोर्ट ने याची को सेवानिवृत्ति परिलाभों सहित पेंशन का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया है और खंड शिक्षा अधिकारी सहर, औरैया के याची से 2 लाख 69 हजार 745 रुपये की वसूली आदेश 11 जुलाई 24 पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने प्राथमिक विद्यालय नेवादा के सेवानिवृत्त हेडमास्टर राम प्रकाश की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद वित्त एवं आडिट अधिकारी ने गलत वेतन निर्धारण के कारण याची को अधिक वेतन भुगतान की रिपोर्ट दी और वसूली के बाद पेंशन तय करने की संस्तुति की। जिस पर यह वसूली आदेश जारी किया गया। याचिका में वसूली कार्यवाही को चुनौती दी गई है।