2024 के पहले सात महीनों में गोल्ड ईटीएफ के प्रवाह में 897 प्रतिशत का भारी उछाल देखा गया।
वर्ष 2023 के पहले सात महीनों में गोल्ड ईटीएफ रु. 453.35 करोड़ का निवेश हुआ, जिसकी तुलना में 2024 की जनवरी से जुलाई की अवधि में यह आंकड़ा बढ़कर 453.35 करोड़ रुपये हो गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के मुताबिक, 4,523 करोड़। दिसंबर, 2023 तक, गोल्ड ईटीएफ का औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) आंकड़ा रु. 26,893 करोड़ जो जुलाई, 2024 तक 28.8 प्रतिशत बढ़कर रु. 34,644 करोड़.
विशेषज्ञों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में लगातार अनिश्चितता बनी रही कि वैश्विक ब्याज दर की स्थिति क्या होगी और यूएस फेड ब्याज दरों में कब कटौती करेगा। इससे सोने में निवेश करना आकर्षक हो गया, जिसे सुरक्षित निवेश माना जाता था।
इसके अलावा वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति की दर भी ऊंची बनी रही, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों ने मुद्रास्फीति की दर से बचाव के इरादे से भी सोने में अपना निवेश बढ़ाया। इसके चलते गोल्ड ईटीएफ में निवेश में इतना बड़ा उछाल आया है.