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GST Rule: 1 सितंबर से टैक्सपेयर्स नहीं भर पाएंगे GST रिटर्न, जानिए वजह

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नई दिल्ली: करदाता एक सितंबर से वैध बैंक खाते की जानकारी दिए बिना जीएसटीआर-1 दाखिल नहीं कर पाएंगे। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने एक एडवाइजरी में यह कहा है। जीएसटी नियम 10ए के अनुसार, करदाता को पंजीकरण की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर वैध बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है। या फॉर्म जीएसटीआर-1 में माल या सेवाओं या दोनों की बाहरी आपूर्ति का विवरण प्रस्तुत करने से पहले या चालान जमा करने की सुविधा (आईएफएफ) का उपयोग करने से पहले, जो भी पहले हो। यानी, वैध बैंक खाते का विवरण नहीं देने वाले जीएसटी करदाता एक सितंबर से जीएसटी अधिकारियों के समक्ष बाहरी आपूर्ति रिटर्न जीएसटीआर-1 दाखिल नहीं कर पाएंगे।

जीएसटीएन ने अपनी सलाह में क्या कहा?

जीएसटीएन ने 23 अगस्त को जारी परामर्श में कहा, ‘यह नियम एक सितंबर, 2024 से लागू हो रहा है। इसलिए, अगस्त, 2024 से आगे की कर अवधि के लिए, करदाता जीएसटी प्लेटफॉर्म पर अपने पंजीकरण विवरण में वैध बैंक खाता विवरण प्रस्तुत किए बिना जीएसटीआर-01/आईएफएफ (जैसा भी मामला हो) दाखिल नहीं कर पाएंगे।’

जीएसटी परिषद ने पिछले साल जुलाई में अपनी बैठक में पंजीकरण प्रक्रिया को मजबूत करने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में फर्जी और धोखाधड़ी वाले पंजीकरण की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नियम 10ए में संशोधन को मंजूरी दी थी।

क्या संशोधन किया गया है?

संशोधन के अनुसार, पंजीकृत करदाता को पंजीकरण प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर या फॉर्म जीएसटीआर-1/आईएफएफ (चालान प्रस्तुत करने की सुविधा) में बाहरी आपूर्ति का विवरण दाखिल करने से पहले (जो भी पहले हो) अपने नाम और पैन वाले बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक था।

परामर्श में जीएसटीएन ने उन सभी करदाताओं (जिन्होंने अभी तक वैध बैंक खाते का विवरण नहीं दिया है) से जीएसटी प्लेटफॉर्म पर जाकर अपने पंजीकरण विवरण में अपने बैंक खाते की जानकारी जोड़ने को कहा। जीएसटीएन परामर्श में कहा गया, ‘जीएसटी पंजीकरण में वैध बैंक खाते के विवरण के अभाव में, आप अगस्त, 2024 की रिटर्न अवधि से जीएसटीआर-1 या आईएफएफ दाखिल नहीं कर पाएंगे।’