सहरसा, 23 अगस्त (हि.स.)। बीएनएमयू, मधेपुरा में शुक्रवार को आयोजित होने वाली सिंडिकेट की बैठक को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सिंडिकेट सदस्य कैप्टन गौतम कुमार ने बताया कि उन्होंने सिंडिकेट के प्रस्तावित बैठक के एजेंडे में स्थान देने हेतु सात प्रस्ताव दिया था लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा जारी कार्यसूची में उनके पांच प्रस्ताव को ही शामिल किया गया है। उनके दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को छोड़ दिया गया है।
उन्होंने बताया कि उनका एक प्रस्ताव था कि अनुदानित महाविद्यालयों के अहर्ता पूरी करने वाले शिक्षकों को टेबलेटर,पर्यवेक्षक व पदाधिकारी की जिम्मेदारी भी दी जाए, जो शैक्षणिक माहौल बनाने में सहायक साबित हो।इस संबंध में भागलपुर विश्वविद्यालय को आधार बनाया जा सकता है। दूसरा प्रस्ताव था कि यूएमआईएस से हुए विश्वविद्यालय के करार को सिंडिकेट के पटल पर रखा जाए ।यूएमआईएस द्वारा महाविद्यालय एवं विषय चेंज करने में विद्यार्थियों से शुल्क नहीं लिया जाए।
उन्होंने कुलपति को पत्र लिखकर इस मामले पर अपना विरोध दर्ज कराया है। पत्र में दोनों बिंदुओं को आगामी सिंडिकेट बैठक के एजेंडा में शामिल कराने और जिस किसी भी स्तर से दो प्रस्तावों को छोड़ा गया है।उस कर्मचारी, पदाधिकारी पर समुचित कार्रवाई करने की मांग की है।उन्होंने बताया कि वे इस मामले को सिंडिकेट में भी उठाएंगे और जरुरत पड़ने पर इसे राज्यपाल सह कुलाधिपति तक ले जाएंगे।