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PhonePe और Google Pay के दबदबे पर लगेगी लगाम! जानिए 31 दिसंबर की डेडलाइन का क्या मतलब

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ऑनलाइन पेमेंट की बात करें तो फोनपे और गूगलपे का दबदबा कायम है। हालांकि, सरकार नहीं चाहती कि भारत में यूपीआई पेमेंट मार्केट पर किसी दो कंपनियों का दबदबा हो। ऐसे में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई की ओर से 30 फीसदी मार्केट कैपिंग का प्लान बनाया गया था। आसान शब्दों में कहें तो भारत में किसी एक यूपीआई पेमेंट ऐप का मार्केट शेयर 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से भारत में यूपीआई पेमेंट मार्केट को कई पेमेंट ऐप के बीच बांटा जा सकता है।

NPCI की तरफ से 31 दिसंबर की डेडलाइन तय की गई थी। इस दिन के बाद किसी भी एक ऐप का मार्केट शेयर 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं दिख रहा है। ET की रिपोर्ट की मानें तो 31 दिसंबर को इसे लागू करना संभव नहीं लग रहा है। दरअसल, Google Pay और PhonePe के अलावा कोई भी दूसरा ऐप भारत के UPI पेमेंट को हैंडल करने की स्थिति में नहीं है। साथ ही ग्राहक भी इन दोनों ऐप पर भरोसा जता रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि 30 फीसदी कैपिंग की डेडलाइन खत्म होने में 4 महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में यह संभव नहीं लग रहा है कि यह डेडलाइन पूरी हो पाएगी।

फ़ोनपे और गूगलपे का कोई मुकाबला नहीं कर सकता

अगर फोनपे और गूगलपे से मुकाबले की बात करें तो पेटीएम भारत में इन दोनों अमेरिकी कंपनियों से मुकाबला करने वाला एकमात्र ऐप है। हालांकि, हाल ही में आरबीआई द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद यूजर्स का रुझान फोनपे और पेटीएम की तरफ बढ़ा है। वहीं, अचानक गूगलपे और फोनपे पेमेंट को सीमित करने से ऑनलाइन पेमेंट मार्केट पर विपरीत असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में सरकार इस तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि मार्केट कैपिंग नियम को लागू करने में देरी हो सकती है।

कौन कितना भुगतान करता है?

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फोनपे और गूगल पे ने जुलाई में 14.4 बिलियन यूपीआई पेमेंट किए। इसकी कुल हिस्सेदारी 85 फीसदी से ज्यादा है, जहां फोनपे ने हर महीने 5.9 बिलियन यूपीआई पेमेंट किए। वहीं गूगल पे ने 5.3 बिलियन पेमेंट किए। जबकि पेटीएम (वन97 कम्युनिकेशंस) के प्लेटफॉर्म ने 1.1 बिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन किए, जो फोनपे और गूगलपे से कम है। इसके अलावा क्रेड का इस्तेमाल करके 142 मिलियन ऑनलाइन पेमेंट किए गए।

जुलाई के आंकड़े

जुलाई के यूपीआई आंकड़ों की बात करें तो इस लिस्ट में फोनपे सबसे ऊपर है, जबकि गूगल पे दूसरे स्थान पर है। वहीं पेटीएम इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर बना हुआ है। जबकि क्रेड चौथे स्थान पर है।

बाजार में हिस्सेदारी

फोनपे – 48.38 प्रतिशत
गूगल पे – 37 प्रतिशत
पेटीएम (ओसीएल) -7.82 प्रतिशत
क्रेड – 0.99 प्रतिशत
एक्सिस बैंक ऐप – 0.75 प्रतिशत

कितने करोड़ का भुगतान हुआ?

फोनपे – 1028799.39 करोड़ रुपये
गूगल पे – 735159.2 करोड़ रुपये
पेटीएम (ओसीएल) – 123467.33 करोड़ रुपये
क्रेडिट – 48998.89 करोड़ रुपये
एक्सिस बैंक ऐप – 6335.06 करोड़ रुपये

ऐसे बढ़ा UPI पेमेंट

अगर यूपीआई पेमेंट में ग्रोथ की बात करें तो इसमें साल दर साल 45 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की जा रही है, जो जुलाई 2024 में बढ़कर 14.44 बिलियन हो गई है। वहीं, यूपीआई वॉल्यूम में साल दर साल 35 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है और इस तरह यह बढ़कर 20.64 ट्रिलियन हो गई है। एनपीसीआई के आंकड़ों की मानें तो जुलाई में औसतन रोजाना 466 मिलियन का ट्रांजेक्शन हुआ है, जो करीब 66,590 करोड़ है। जुलाई में यूपीआई ट्रांजेक्शन 3.95 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि इसी दौरान वॉल्यूम ट्रांजेक्शन में 2.84 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।