वाराणसी,19 अगस्त (हि.स.)। शुभ संकल्पों के साथ नमामि गंगे ने सावन के आखिरी सोमवार व रक्षाबंधन के पावन पर्व पर फूलों से गुथा वैदिक रक्षासूत्र दशाश्वमेधघाट पर पतित पावनी मां गंगा को समर्पित किया। साथ ही सदानीरा की रक्षा का संकल्प भी लिया। भगवान शिव का पूजन कर भारतीय संस्कृति की रक्षा का आवाह्न किया गया।
इसके बाद नमामि गंगे के स्वयंसेवकों ने मौजूद श्रद्धालुओं के साथ गंगा तट की सफाई की। पर्यावरण के लिए हानिकारक पॉलीथिन का उपयोग न करने का संदेश देकर तट पर मौजूद श्रद्धालुओं को कपड़े के झोले प्रदान किए गए।
संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा से हम सब की रक्षा संभव है। इस त्यौहार का महत्व बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधना ही नहीं है, बल्कि इसे ऐतिहासिक स्वरूप में समझते हुए देश, समाज, पर्यावरण, संस्कृति, सभ्यता, गोमाता व गंगा माता के संरक्षण के संकल्प के त्योहार के रूप में भी मनाया जाना चाहिए।