आज के डिजिटल युग में बच्चे स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर पर बहुत समय बिताते हैं। ये डिवाइस बच्चों को सीखने और मनोरंजन के कई अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन स्क्रीन पर बहुत ज़्यादा समय बिताना उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि बच्चों का स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताना उनकी नींद, खाने की आदतों और शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि जो बच्चे स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताते हैं, उनकी नींद कम होती है। पर्याप्त नींद न मिलने से बच्चों का विकास प्रभावित होता है और वे कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा ज़्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से बच्चे जंक फ़ूड और मीठे पेय पदार्थों का सेवन ज़्यादा करते हैं, जिससे उनका वज़न बढ़ सकता है और वे मोटे हो सकते हैं।
ऐसा क्यूँ होता है?
स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद के हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित करती है, जिससे बच्चों को सोने में दिक्कत होती है। वहीं, स्क्रीन पर विज्ञापन और मनोरंजन के कारण बच्चों को जंक फूड और शुगरी ड्रिंक्स की तलब लगती है। स्क्रीन पर समय बिताने से बच्चे शारीरिक गतिविधियों से दूर रहते हैं, जिससे उनमें मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। उन्हें ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है और वे चिंतित और उदास महसूस कर सकते हैं।
माता-पिता को क्या करना चाहिए?
बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम की सीमा तय करें और उसका पालन करें। बच्चों को पढ़ने, खेलने और बाहर जाने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही, बच्चों को स्वस्थ भोजन खाने और जंक फूड और मीठे पेय से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों के सोने और जागने का एक निश्चित समय तय करें। माता-पिता को भी स्क्रीन टाइम कम करने की कोशिश करनी चाहिए और बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करना चाहिए।