बाराबंकी, 12 अगस्त (हि.स.)। मंदिर धार्मिक कार्य के साथ-साथ शक्ति के केंद्र बने। प्राचीन काल में मंदिर दक्षशाला, व्यायामशाला, शिक्षा के साथ ही समाज के जागरण करने का कार्य व हिंदू समाज के एकत्रीकरण का माध्यम था। आज के परिवेश में पुनः मंदिर का वही शक्तिशाली स्वरुप का निर्माण हो, इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद सतत् कार्य कर रही है। यह बातें विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री अरुण नेटके ने सतरिख के टीआरसी महाविद्यालय में संपन्न विहिप अवध प्रान्त की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
पतंजलि योग आश्रम के संत चेतनानंद ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने हिंदू समाज के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में निरंतर बेहतर कार्य कर रहा है। सेवा स्वालंबन व सामाजिक समरसता के कार्य और गति से सेवा बस्तियों में प्रारंभ हो। विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र ने कहा कि मंदिर में आने वाला धन समाज के हित के उपयोग में होना चाहिए। अर्चक एवं पुरोहित के माध्यम से हिंदू समाज का जन जागरण कार्य भी कर रहा है।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं ने हिन्दू समाज को जातियों में बांटकर हजारों वर्षों तक देश पर राज कर धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट किया। राष्ट्र विरोधी ऐसी शक्तियां आज भी देश के खंड करने में लगी हैं। विश्व हिंदू परिषद का मूल सत्संग है। इसलिए ग्राम स्तर तक कम से कम हिंदू समाज के एकत्रीकरण एवं जन जागरण के लिए एक सत्संग अवश्य चले।
बैठक में संगठन के 25 जिले के लगभग 300 प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मुख्य रूप से क्षेत्र धर्माचार्य प्रमुख जितेंद्र, क्षेत्र जैविक कृषि प्रशिक्षण प्रमुख चंद्रभान, प्रांत कार्याध्यक्ष राजदेव, प्रांत उपाध्यक्ष ईशा मित्तल, ओमप्रकाश, रामगोपाल, प्रांत सह मंत्री अवनीश, प्रवीण, बृजेश, मातृशक्ति संयोजिका दीप्ति, दुर्गावानी संयोजिक मुद्रा सहित सभी आयाम के क्षेत्र प्रांत व जिले के पदाधिकारी उपस्थित रहे।