प्रयागराज, 12 अगस्त (हि.स.)। उप्र राज्य विधिज्ञ परिषद प्रयागराज की अनुशासनात्मक समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वरुण कुमार शुक्ल को प्रोफेशनल कदाचार का दोषी करार दिया है और अगले छह माह तक उनके भारत की किसी भी अदालत में वकालत करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बार काउंसिल ने यह आदेश शील कुमार सिंह की 11 नवम्बर 21 को की गई शिकायत को स्वीकार करते हुए दिया है। इनका कहना है कि उन्होंने 12 अक्टूबर 21 को मारूति विहार अपार्टमेंट टैगोर टाउन प्रयागराज में फ्लैट नंबर टी-19 खरीदा और अपने सामान सहित 19 अक्टूबर 21 को कब्जा लिया। उसी दिन शाम छह बजे आरोपित अधिवक्ता वरुण कुमार शुक्ल व संदीप कुमार ओझा 4-5 लोगो के साथ आये और तोड़फोड़ लूट-पाट की। फ्लैट पर कब्जा करने की कोशिश की। बुलाने पर पुलिस आई और उसने दोनों पक्षों को थाने बुलाया। शिकायतकर्ता ने 20 अक्टूबर को एफआईआर भी दर्ज कराई।
एसपी सिटी ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी की। पुलिस रिपोर्ट पर धारा 145 की कार्यवाही की गई। एसीएम चतुर्थ प्रयागराज के समक्ष साक्ष्य पेश किए गए। 12 जून 23 को एसीएम ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला दिया विपक्षी का कब्जा अवैध करार दिया। साथ ही याची के कब्जे में दखल देने पर रोक लगा दी।
इसके बाद याची ने बार काउंसिल में शिकायत की। जिसमें बार काउंसिल की अनुशासनात्मक समिति ने विपक्षी अधिवक्ता को कदाचार का दोषी करार दिया है।