Tuesday , November 26 2024

वैज्ञानिक ढंग से मूंगफली फसल की देखरेख करने से किसानों को होगा लाभ: डॉ महक सिंह

E6b6378ee1d16072b15aa1f93d4eaeed

कानपुर,10 अगस्त (हि.स.)। मूंगफली की खेती किसान वैज्ञानिक ढंग से करेंगे तो अच्छा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। मूंगफली में प्रोटीन, लाभदायक वसा,फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसके सेवन से त्वचा उम्र भर जवां दिखाई देती है। यह जानकारी शनिवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के प्रोफेसर डॉ महक सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि खरीफ के मौसम में तिलहन फसलों के अंतर्गत मूंगफली की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है। देश के मूंगफली का उत्पादन विश्व के उत्पादन में 34% की भागीदारी है। उन्होंने कहा की मूंगफली का देश में क्षेत्रफल 5.02 मिलियन हेक्टेयर है तथा उत्पादन 8.11 मिलियन टन तथा उत्पादकता 1616 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। जबकि उत्तर प्रदेश में मूंगफली का क्षेत्रफल 1.01 लाख हेक्टेयर, उत्पादन एक लाख मीट्रिक टन तथा उत्पादकता 984 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।

मूंगफली में पाए जाते हैँ कई लाभदायक तत्व

डॉ महक सिंह ने बताया कि मूंगफली के दानों में 25 से 30% प्रोटीन,10 से 12% कार्बोहाइड्रेट तथा 45 से 55% वसा पाई जाती है डॉ सिंह ने बताया कि मूंगफली में प्रोटीन, लाभदायक वसा,फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसके सेवन से त्वचा उम्र भर जवां दिखाई देती है।उन्होंने बताया की मूंगफली में प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना, अंडे से 2.5 गुना एवं फलों से 8 गुना अधिक होती है।

जाने मूंगफली फसल की किसान कैसे करें संरक्षण

डॉ.सिंह ने बताया कि इस सीजन में मूंगफली की खेती लगभग 30 से 35 दिनों की हो गई होगी। तो फसल में खरपतवारों की समस्या हो तो निराई गुड़ाई अवश्य कर दें। यदि किसान भाइयों की फसल 35 से 40 दिन की हो गई हो तथा खूँटियाँ बननी शुरू हो गई हो तो निराई गुड़ाई न करें। इस समय किसान भाई जब खुटिया निकल रही हों तो जिप्सम का प्रयोग अवश्य करें, जिससे तेल की मात्रा में बढ़ोतरी होती है।

उन्होंने कहा कि मूंगफली की फसल में टिक्का एक बीमारी आती है जिसके राेकथाम के लिए फफूंदीनाशक खड़ी फसल में मैंकोजेब 50% डब्ल्यूपी 225 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर 10 दिन के अंतराल पर छिड़काव कर दें। इसके अतिरिक्त मूंगफली में सफेद गिडार कीट लगता है उसके नियंत्रण के लिए किसान भाई क्लोरपीरिफॉस रसायन की 4 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ प्रयोग करें। उन्होंने किसान भाइयों को यह भी सलाह दी है कि मूंगफली की फसल को एक साथ पकने के लिए बोरेक्स 4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का बुरकाव कर दें।जब मूंगफली के अंदर का भाग कत्थई रंग का दिखाई दे तो खुदाई का उपयुक्त समय होता है।