8वां वेतन आयोग: जल्द से जल्द 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठ रही है। 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गईं, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में करीब 23% की बढ़ोतरी हुई। आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है
8वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर चर्चा के लिए गठित संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) की बैठक अगले महीने होने जा रही है, जिसमें 8वें वेतन आयोग के गठन पर चर्चा होगी। ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के प्रमुख और जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि अगले महीने बैठक होगी और 8वें वेतन आयोग पर कुछ स्पष्टता की उम्मीद है। कर्मचारी संगठन के लोग इस मुद्दे को उठाएंगे।
कर्मचारी संगठनों की मांग
शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, कर्मचारी यूनियनें सरकार को दो ज्ञापन दे चुकी हैं, जिसमें जल्द से जल्द 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की गई है। 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफ़ारिशें 2016 में लागू की गईं, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में करीब 23% की बढ़ोतरी हुई। आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
वेतन आयोग
वेतन आयोग का मुख्य काम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं की समीक्षा, सुधार और सिफारिश करना है। पहला वेतन आयोग 1946 में बना था और अब तक 7 वेतन आयोग बन चुके हैं।
8वें वेतन आयोग की आवश्यकता
आईआरटीएसए ने यह भी कहा कि सातवें वेतन आयोग ने सुझाव दिया था कि वेतन मैट्रिक्स की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए, न कि 10 साल तक इंतजार किया जाना चाहिए। 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद से सरकारी कामकाज, अर्थव्यवस्था और सेवाओं की मांग में काफी बदलाव आया है। इसलिए संगठन ने अपने पत्र में कहा कि नए वेतन आयोग को इन बदलती परिस्थितियों के हिसाब से सिफारिशें करनी चाहिए।
सरकार क्या कहती है?
इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। लेकिन जेसीएम की आगामी बैठक में 8वें वेतन आयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है। अगर आम सहमति बन जाती है तो यह सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत और खुशखबरी हो सकती है।