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55 लाख की अफीम के साथ दो अन्तर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार

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गाजियाबाद, 18 अक्टूबर (हि.स.)। गाजियाबाद जिले के मुरादनगर थाना क्षेत्र की पुलिस और क्राइम ब्रांच ने एक संयुक्त अभियान में अफीम के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार कर अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में मांग के अनुसार अफीम की सप्लाई करता है।

दोनों तस्करों को थाना मुरादनगर क्षेत्र के प्रीत विहार बम्बा रोड से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 2.100 किलोग्राम अफीम बरामद हुई है, जिसकी कीमत अन्तरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 55 लाख रुपये बताई गई है। गिरफ्तार लोगों की पहचान ग्राम असडिया थाना असडिया जनपद-चतरा झारखण्ड निवासी संजय भुइयां और रामचंद्र भुइयां के रूप में हुई है।

पूछताछ के दौरान संजय भुइयां ने बताया कि वह अनपढ़ है और झारखण्ड के चतरा जिला का रहने वाला है। पहले वह अपने गांव के पास ही एक होटल पर खाना बनाने का काम करता था लेकिन इसमें उसको ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। पैसे की अधिक आवश्यकता होने के कारण वह जिला चतरा के ही रहने वाले अफीम तस्कर प्रकाश के सम्पर्क मे आया। प्रकाश अफीम की तस्करी झारखण्ड से बाहर कई राज्यों मे करता था। संजय भुइयां ने भी अफीम तस्कर प्रकाश से माल लेकर अफीम की तस्करी झारखण्ड से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब व दिल्ली एनसीआर में आकर करने लगा।

दूसरे आरोपित रामचंद्र भुइयां ने बताया कि वह चतरा जिला का रहने वाला हैं और 10वीं पास हैं। पहले वह अपने गांव में ही सरिया शटरिंग की दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। इस काम में उसको ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। इसी बीच वह अपने दोस्त के माध्यम से अफीम तस्कर प्रकाश के सम्पर्क मे आया और अफीम की तस्करी करने लग गया। इस काम में इन दोनों को प्रत्येक चक्कर के 20 हजार रुपये मिलते थे, जिससे इन दोनों को अधिक फायदा होने लगा। पूछताछ करने पर इन दोनों ने यह भी बताया कि जब इस काम में ज्यादा फायदा होने लगा तो इन दोनों ने मिलकर प्रकाश से हटकर अपने माल की तस्करी शुरू कर दी, जिसमें और अधिक फायदा होने लगा ।

ये दोनों अफीम तस्करी के काम को करीब एक वर्ष से अधिक समय से कर रहे हैं और कई बार माल विभिन्न राज्यों मे पार्टियों को पहुंचा भी चुके हैं। पकड़े गये दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उनको अफीम की जितनी डिमाण्ड मिलती है, उतना माल लेकर ये दोनो बस व ट्रेनों से बदल-बदल कर आते हैं। जिसको माल देना होता है, वह जगह ये लोग चलने से पहले ही तय कर लेते हैं कि माल कहां और कितने बजे देना है। जब ये दोनों माल लेकर चलते हैं तो किसी से सम्पर्क नहीं करते जब तक कि माल को तयशुदा जगह पर जिसको डिलीवरी देनी है, वहां पंहुचा न दें। इस बार माल लेने वाले ने इन्हें गाजियाबाद में बुलाया था लेकिन माल की डिलीवरी करने से पहले ही पकड़े गये।