लखनऊ, 24 अक्टूबर (हि.स.)। सीएसआईआर के “एक सप्ताह, एक थीम” के एग्री, न्यूट्री, बायोटेक थीम के अंतर्गत सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) लखनऊ ने बबनपुरवा में सुगंधित कच्चे माल की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किसान-उद्योग और वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, किसानों और संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत “सस्टेनेबल एरोमा क्लस्टर” में उन्नत आसवन इकाई, वर्मीकम्पोस्ट इकाई और मशरूम उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया गया। प्रतिनिधियों के लिए कृषि ड्रोन प्रदर्शन भी आयोजित किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में सुगंध सामग्री अनुसंधान संस्थान (आरआईएफएम), अंतर्राष्ट्रीय सुगंध संघ (आईएफआरए), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), अल्ट्रा इंटरनेशनल और संत सांगानेरिया फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सीएसआईआर-सीआईएमएपी के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे सुगंध क्लस्टर और टिकाऊ कृषि-पद्धतियां न केवल खेती की लागत को कम करेंगी बल्कि प्रतिस्पर्धी कीमतों पर प्राकृतिक मेन्थॉल प्रदान करके आवश्यक तेल की पैदावार भी बढ़ाएंगी। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और साथ ही प्राकृतिक मेन्थॉल की आवश्यकता वाले हजारों सूक्ष्म और लघु उद्योगों को सहायता मिलेगी।