नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। आयकर विभाग का नियमन करने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अंतरराष्ट्रीय और निर्दिष्ट घरेलू लेन-देन के दौरान ‘आर्म्स लेंथ’ मूल्य और हस्तांतरण कीमत (ट्रांसफर प्राइसिंग) के बीच अंतर के लिए ‘सहनशीलता’ दायरे को अधिसूचित कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सीबीडीटी ने 18 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में आकलन वर्ष 2024-25 के लिए सहनशीलता सीमा को अधिसूचित किया है। सहनशीलता सीमा की अधिसूचना करदाताओं को निश्चितता प्रदान करेगी और हस्तांतरण मूल्य निर्धारण में लेन-देन के मूल्य निर्धारण से जुड़े जोखिम की धारणा को कम करेगी।
सीबीडीटी की जारी अधिसूचना के मुताबिक सहनशीलता दायरे को पिछले साल की तरह ‘थोक कारोबार’ के लिए एक फीसदी और अन्य सभी करदाताओं के लिए तीन फीसदी रखा गया है। सीबीडीटी के मुताबिक ‘थोक कारोबार’ को कुछ शर्तों के अधीन वस्तुओं के व्यापार के एक अंतरराष्ट्रीय लेन-देन या निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन के तौर पर परिभाषित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कर कानूनों के तहत हस्तांतरण मूल्य का निर्धारण संबंधित कंपनियों के बीच आदान-प्रदान वाली वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य निर्धारण को दर्शाता है। वहीं, आर्म्स लेंथ मूल्य का आशय उस मूल्य से है, जो संबंधित पक्षों के अलावा अन्य संस्थाओं के बीच लेन-देन में भी समान रूप से लागू होता है।