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साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय संगोष्ठी में कई पुस्तकों का हुआ विमोचन

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सहरसा, 27 सितंबर (हि.स.)। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से साहित्य परिषद नई दिल्ली एवं ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन शुक्रवार को किया गया।मैथिली साहित्य के मूर्धन्य विद्वान रामकृष्ण झा किसुन ,प्रबोध नारायण सिंह एवं अनिमा सिंह पर केंद्रित दो दिवसीय शतवाषिॅकी संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन ईस्ट एन वेस्ट फाउंडेशन पटना के चेयरमैन व आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ रजनीश रंजन, भुपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्या मनीषा रंजन,कुमार विक्रमादित्य,प्राचार्य एन के झा एवं साहित्य अकादमी परामर्श दात्री सदस्य रमण कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप सें दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। आयोजन समिति की ओर से सभी अतिथियों को पाग चादर , प्रतीक चिह्न व पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।महाविद्यालय के प्राध्यापक सह जनसंपर्क पदाधिकारी अभय मनोज के संचालन मे वक्ताओं ने तीनों महामानव के विषय मे विस्तार पूर्वक अपने अपने आलेख को प्रस्तुत करते हुए तीनों को महामानव की संज्ञा देते हुए मैथिली आंदोलन का जनक बताया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ रजनीश रंजन ने कहा कि मैथिली साहित्य के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़न वाले तीनों ही महान साहित्यकार व लेखक के जीवन वृत्त पर केंद्रित और मैथिली के विकास में उनके योगदान पर शतवाषिॅकी संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक साबित होगा।

संगोष्ठी के प्रथम सत्र में रामकृष्ण झा किसुन पर केंद्रित कार्यक्रम की अध्यक्षता डा सुभाष चंद्र यादव,आलेख पाठ केदार कानन,रमण कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह, अमृता चौधरी,कुमार राहुल ने किया।प्रथम सत्र का संचालन किसलय कृष्ण के द्वारा किया गया। प्रथम दिन के द्वितीय सत्र में प्रबोध नारायण सिंह लिखित हाथीक दांत मैथिली नाटक की प्रस्तुति स्थानीय संस्था शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान के कुंदन कुमार वर्मा के निर्देशन में प्रस्तुति किया गया।साथ ही सता के मद नाटक के मंचन के अभिनय व निर्देशन प्रभाती कमलिनि द्वारा रामकृष्ण झा किसुन के कविता का सफल मंचन किया गया।इसके अलावे अनिमा सिंह संकलित लोक गीत की प्रस्तुति दीपिका चंद्रा द्वारा प्रस्तुत किया गया।

संगोष्ठी के दूसरे दिन तृतीय सत्र में प्रबोध नारायण सिंह पर केंद्रित कार्यक्रम में दिल्ली से प्रकाश झा,प्रवीण कुमार सिंह, फूलचंद झा के अलावे की मैथिली साहित्य के अन्य कई विद्वान उपस्थित रहेगें। रजनीश रंजन के अध्यक्षता में साहित्य परिषद व ईस्ट एन वेस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दूसरी बार इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।इस अवसर पर हितनाथ झा लिखित राजा पोता बलगर, उदय नाथ झा लिखित अद्भुत गोनू झा, अभिलाषा लिखित यथा प्रसंग सहित अन्य कई पुस्तक विमोचन किया गया।इस मौके पर साहित्यकार डा भीमनाथ झा,डा महेन्द्र, डा विभूति आनंद, डा प्रकाश झा,डा नीता झा,फूलचंद झा,डा अरुण कुमार,रामकुमार सिंह, संजय वशिष्ठ, राजेश रंजन, सुनील कुमार झा,पं तरुण झा,संजय कुमार कर्ण, अमित आनंद सहित अन्य मौजूद थे।