जालौन, 15 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश सरकार में मिशन शक्ति को बढ़ावा देने के लिए छात्राओं को एक दिन का अधिकारी बनाया जा रहा है। इसी क्रम में इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश में 7वां स्थान पाने वाली 12 वीं क्लास की छात्रा को एक दिन का डीएम बनाया गया। इस दौरान एक दिन की डीएम ने जनसमस्याएं सुन सम्बंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
एक दिन की सांकेतिक डीएम बनी काजल अहिरवार ने बताया कि ज़्यादातर मामले जमीन से जुड़े हुए थे। जिससे उन्हें तुरंत निस्तारण के आदेश दे दिए गए हैं। डीएम बनी छात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री की यह पहल बालिकाओं को आगे बढ़ने में वरदान साबित होगी। वह भी भविष्य में आईएएस बनकर देश सेवा करेगी।
काजल अहिरवार ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश में 7वां स्थान प्राप्त किया था। फिलहाल वह कोटा से आईआईटी की तैयारी कर रही है और काजल के पिता संतराम पेशे से मजदूर है और मां उर्मिला ग्रहणी। काजल का कहना है कि वह आगे आईएएस अफसर बनना चाहती हैं। जिससे लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकें और सरकारी योजनाओं का लाभ हर एक व्यक्ति को मिले। वहीं, काजल के पिता संतराम ने बताया कि वह राजेंद्र नगर में रहते हैं और ईंट भट्टा में मजदूरी करते हैं। एक दिन की बेटी बनने पर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वैसे कौन नहीं चाहता कि उसकी बिटिया रानी अफसर बने। बल्कि एक दिन ही क्यों उसे तो असल जिंदगी में अफसर बनते देखना चाहता हूं।
वहीं, जालौन जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं और महिलाओं में सशक्तिकरण के उद्देश्य विभिन्न जिलों में उन्हें एक दिन का अधिकारी बनाया जा रहा है। इससे बालिकाओं का आत्मबल बढ़ेगा और एक दिन की वह आगे चलकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ पा
येगी।