कटिहार, 19 अगस्त (हि.स.)। सोमवार को समाहरणालय में समाज कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाएं की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति के संबंध में समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजना जैसे मुस्लिम महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक तलाकशुदा एवं परित्यक्ता सहायता योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना, अल्पसंख्यक छात्रावास योजना, बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना, बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना, मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार योजना, एनएमडीएफसी टर्म लोन योजना एवं कब्रिस्तान घेराबंदी योजना आदि से संबंधित विषयों पर समीक्षा किया।
बैठक में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 अंतर्गत राहत अनुदान योजना, अनुसूचित व जनजाति कल्याण छात्रावास योजना, अनुसूचित जाति जनजाति आवासीय विद्यालय योजना, मुख्यमंत्री सिविल प्रोत्साहन योजना, वृद्ध पेंशन योजना, वृहद आश्रय स्थल की अद्यतन स्थिति एवं पर्यवेक्षण गृह निर्माण के संबंध में विस्तृत समीक्षा किया गया।
उक्त क्रम में जिला पदाधिकारी ने अल्पसंख्यक कल्याण कटिहार के उप निदेशक को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक तलाकशुदा एवं परित्यक्ता सहायता योजना के अन्तर्गत समय सीमा के अंदर आवेदन के सत्यापन के पश्चात् लाभार्थियों को लाभान्वित कराने, प्रस्तावित कब्रिस्तान घेराबंदी हेतु विधि व्यवस्था की दृष्टिकोण से समीक्षा करते हुए अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित कराने, बिहार राज मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना अंतर्गत प्रस्तावित मदरसा में आधारभूत संरचना सुनिश्चित करवाने तथा चिन्हित मदरसा का सुदृढ़ीकरण हेतु प्रस्ताव विभाग को भेजने का निर्देश दिया।
वहीं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उप निदेशक को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत फर्जीवारा के रोकथाम हेतु प्राप्त आवेदनों का अच्छी तरह से जांच करते हुए योग्य छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का निर्देश दिया गया। बैठक में उपस्थित जिला कल्याण पदाधिकारी को अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत लंबित मामलों का समीक्षा करते हुए पीड़ित को अत्याचार राहत अनुदान योजना से लाभान्वित कराने, विगत तीन से चार वर्षों के लंबित मामले का वर्षवार प्रतिवेदन तैयार कराने, विभिन्न थानों में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण से संबंधित लंबित मामलों का प्रतिवेदन तैयार कर उपलब्ध कराने, जिले में संचालित छात्रावास का भवन की स्थिति, रख-रखाव, वहां उपलब्ध सुविधा से संबंधित समीक्षा कर छात्रावास के जर्जर भवन का मरम्मति कराने, सभी संचालित छात्रावास में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।
बाल संरक्षण के प्रभारी पदाधिकारी को वृहद आश्रय स्थल में मौजूद विशेष आवश्यकता वाले बिमार बच्चों को इलाज की व्यवस्था कराने, नियमित रूप से वृहद आश्रय स्थल का निरीक्षण करने, पर्यवेक्षक गृह निर्माण हेतु भूमि का चयन करते हुए भू अर्जन का प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।