बांग्लादेश राजनीतिक संकट: बांग्लादेश में तख्तापलट और राजनीतिक उथल-पुथल पर अमेरिका ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा, ‘बांग्लादेश में तख्तापलट में अमेरिका शामिल नहीं है। ऐसी कोई भी संचार या रिपोर्ट महज अफवाहें हैं।’ बांग्लादेश के लोगों को देश की सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। यह हमारा रुख है.’
जानिए क्या मायने रखता है
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 11 अगस्त को पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में विद्रोह और देश की हालत के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, उनके बयान और आरोपों पर अमेरिका ने कहा, ‘बांग्लादेश में तख्तापलट में हमारा कोई हाथ नहीं है.’
शेख हसीना ने आरोप लगाया कि, ‘अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप चाहता था. अगर दे दिया होता तो आज मेरी सरकार सत्ता में होती. लेकिन अमेरिका की शर्त न मानने का मतलब है कि ऐसा न करना उन्हें बहुत महंगा पड़ेगा. इस द्वीप के जरिए अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है।’
विदेश नीति विशेषज्ञों और विल्सन सेंटर ने आरोप से इनकार किया
अमेरिका स्थित विदेश नीति विशेषज्ञ और विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने शेख हसीना के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका शेख हसीना के दावों और आरोपों को पूरी तरह खारिज करता है. इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हसीना सरकार की कठोर कार्रवाई ने आंदोलन को और भड़का दिया है।’