कटिहार, 25 नवम्बर (हि.स.)। शीतलहर से बचाव एवं सुरक्षा के उपाय पर विचार-विमर्श हेतु सोमवार को एनआईसी सभागर में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने की। अपर समाहर्ता आपदा द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2024 की शीतकालीन अवधि प्रारम्भ हो चुकी है। सामान्यतः माह दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता होने से शीतलहर की संभावना रहती है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि शीतलहर से प्रभावित होने वाले जनमानस, विशेषकर गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों के बचाव के निमित्त विभागीय एसओपी के अनुरूप समुचित उपाय एवं प्रबंधन पर विचार-विमर्श हेतु संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा आपसी समन्वय स्थापित किया जाएगा।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी को समय-समय पर लोगों में जन जागरूकता फैलाने हेतु पम्पलेटों, पोस्टर, समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मिडिया, हॉर्डिंग एवं बैनर लगाकर एवं अन्य समाचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देशित किया गया।
सिविल सर्जन को आदेश दिया गया कि ठंड बढ़ने से लोगों में वायरल संक्रमण, कोल्ड डायरिया एवं अन्य ठंडी से संबंधित बीमारियों का होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है। जान-माल की क्षति को कम करना और शीतलहर से संबंधित बीमारियों को रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता है।