मुरादाबाद, 26 अगस्त (हि.स.)। अध्यात्म ज्ञान एवं चिन्तन संस्था मुरादाबाद की 172वीं मासिक ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी का आयोजन सोमवार को एमआईटी सभागार में किया गया। जिसका विषय था ‘भारतीय संस्कृति और उसकी रक्षा के उपाय’। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम जीवंत सभ्यता है। इसको बचाए रखने के लिए विभन्न सम्प्रदायों तथा विभिन्न जातियों को एक प्लेटफार्म पर आना आवश्यक है।
सुधीर गुप्ता ने आगे कहा कि धीरे-धीरे अन्य सभ्यताओं व धर्मों का प्रभाव हमारे समाज पर अधिक होने के कारण हम अपनी प्राचीन संस्कृति को बिल्कुल भूल से गए हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति शीघ्र नष्ट हो जाएगी। ऐसी स्थिति में अपनी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट होने से बचाने के लए निम्न कार्य करने आवश्यक हैं। जिसमें सामाजिक एकता आज हमारा समाज हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख आदि विभन्न सम्प्रदायों में तथा ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र जातियों और अन्य उपजातियों में इसके अलावा अछूत और सवर्ण में भी बंट गया है। जबकि यह सभी हिन्दू समाज के ही अंग हैं। इसलिए हमें विभिन्न सम्प्रदायों तथा विभिन्न जातियों को एक प्लेटफार्म पर लाना होगा।
विचार गोष्ठी में रविंद्र नाथ कल्याल, सूर्य प्रकाश द्विवेदी, डाॅ. सुशव सिंह, रेखा शाह, डाॅ. यूके शाह, धवल दीक्षित, ईश्वर प्रसाद सिंह, राजपाल सिंह, प्रभा शर्मा आदि उपस्थित रहे।