प्रयागराज, 22 अक्टूबर (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सेतु निर्माण निगम सहित राज्य सरकार व अन्य विभागों से वाराणसी के आशापुर ओवर ब्रिज की स्वीकृत लम्बाई कम करने को लेकर याचिका में लगे आरोपों पर विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने जानना चाहा है कि जब फ्लाई ओवर की लम्बाई 682.63 मीटर स्वीकृत थी तो उसे किस कारण से 643.10 मीटर बनाया गया है। याचिका की अगली सुनवाई 27 नवम्बर को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने पृथ्वी फाउंडेशन के प्रबंधक की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका में फोर लेन व फ्लाई ओवर निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। सरकारी हलफनामे में याचिका में लगाये गये आरोपों का जवाब नहीं दिया गया तो कोर्ट ने विस्तृत बेहतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याची का कहना है कि फ्लाई ओवर की लम्बाई 41 मीटर कम करने से ढाल के कारण दुर्घटनाएं हो रही है। फ्लाई ओवर राज्य सेतु निगम द्वारा बनाया जा रहा है। भ्रष्टाचार के आरोप में पहले एक सहायक अभियंता निलम्बित भी हो चुका है।