वंदे भारत स्लीपर ट्रेन: देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बहुत जल्द आम आदमी के लिए पटरी पर आ सकती है. रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आज BEML की फैसिलिटी से रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री पहुंचेगी. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को अलग-अलग मापदंडों पर जांचने के लिए सबसे पहले ICF की ओर से ऑसिलेशन ट्रायल किया जाएगा. जिसके बाद स्टेबिलिटी ट्रायल, स्पीड ट्रायल और अन्य तरीकों के तकनीकी ट्रायल के बाद इसे यात्रियों के लिए चलाया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 2 महीने का समय लग सकता है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिसंबर तक ये ट्रेन पटरी पर आ जाएगी.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन कब शुरू होगी?
अनुमान के मुताबिक, देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का कमर्शियल रन दिसंबर तक शुरू हो जाएगा। अगले कुछ दिनों में इसका ट्रायल रन शुरू हो सकता है, जिसमें करीब दो महीने का समय लग सकता है।
पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन कहां चलेगी?
देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन किस रूट पर चलाई जाएगी, इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, देश के अलग-अलग जोन से इसको लेकर कई प्रस्ताव आए हैं। मुख्य रूप से इसे बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से शुरू किया जा सकता है। इसको लेकर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
वंदे भारत स्लीपर का किराया कितना होगा?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वंदे भारत स्लीपर का किराया देश में राजधानी एक्सप्रेस के किराए के बराबर होगा।
यात्रियों को मिलेंगी ये खास सुविधाएं
इस ट्रेन में एकीकृत रीडिंग लाइट, सार्वजनिक घोषणा और दृश्य सूचना प्रणाली के साथ यूएसबी चार्जिंग प्रावधान, अंदर डिस्प्ले पैनल और सुरक्षा कैमरे और मॉड्यूलर पेंट्री है। इसके साथ ही दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा फर्स्ट एसी कोच में यात्रियों के लिए गर्म पानी से नहाने की सुविधा भी दी गई है।
एक बार में 823 यात्री करेंगे यात्रा
रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 160/किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जिसकी अधिकतम गति 180/किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इस ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे, जिनमें 11 3AC, 4 2AC और 1 प्रथम श्रेणी के कोच होंगे।
रेलवे कर्मचारियों का भी पूरा ध्यान
रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ लोको पायलट और अटेंडेंट की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। इन सभी ट्रेनों को नए तरीके से डिजाइन किया गया है। लोको कैब को बेहतर बनाया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर इन ट्रेनों में पहले से ही कवच लगा हुआ है।