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राष्ट्र के सामने आ रही चुनौतियों का समाधान देना शिक्षक का धर्म: विभाग प्रचारक

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झांसी, 28 अगस्त (हि.स.)। “राष्ट्र के सामने आ रही नवीन चुनौतियों का समाधान देना शिक्षक का धर्म है”। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक अखंड प्रताप ने अपने संबोधन में कही। विभाग प्रचारक अखंड प्रताप बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के दीनदयाल सभागार में आयोजित शिक्षकों की बौद्धिक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

अखंड प्रताप ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक को कल्पक, योजक और चिंतक होना चाहिए। शिक्षकों को अपना कर्तव्य बोध जगाना होगा। बदलती परिस्थितियों के साथ राष्ट्र धर्म का स्वरूप एवं चिंतन बदलता है। शिक्षकों को खुद को उसके अनुसार डालना होगा. उन्होंने कहा कि पेट और परिवार के पोषण से बढ़कर राष्ट्रधर्म है। राष्ट्र धर्म को ही अपने जीवन का अंतिम लक्ष्य बनाएं।

उन्होंने शिक्षकों से कहा कि विद्यार्थियों के बीच खेल योग और ज्ञान की महत्ता को बढ़ाएं। वैश्विक परिदृष्य से राष्ट्र को नवीन चुनौति प्रस्तुत हुई है, इसका समाधान देना भी शिक्षक का युग धर्म है। बैठक के दौरान बांग्लादेश में निरीह जनों की नृशंस हत्या एवं यातना की भर्त्सना की गई और उनके प्रति शोक संवेदना प्रदर्शित की गई।

बौद्धिक बैठक में प्रो. मुन्ना तिवारी को विश्विद्यालय के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मिलन कार्यक्रम का प्रमुख बनाया गया। इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार को बौद्धिक बैठक कर राष्ट्र की चुनौतियों पर विमर्श किया जाएगा। बैठक में प्रोo एस०पी० सिंह, प्रो० देवेश निगम, प्रो०डी० के भट्ट, प्रो० प्रतीक अग्रवाल, डा० अतुल गोयल, डा० विजेन्द्र, डॉ श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ शैलेन्द्र तिवारी, डा० जयसिह, डा० यतीन्द्र, डा0 नेहा, डॉ सौरभ श्रीवास्तव, डा० ऋषि सक्सेना, डा० सुधा दीक्षित, डॉ पुनीत श्रीवास्तव, प्रो० आलोक कुमार वर्मा आदि मौजूद रहे।