उत्तर प्रदेश के बहराईच में बवाल के बीच इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी गई हैं. रविवार को हुई हिंसा में 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया. सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद मृतक रामगोपाल मिश्रा के परिजनों ने उनके शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया. तालुक में मृतकों के परिवार और शवों की भीड़ के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया।
लोगों ने विरोध किया
इस बीच लोगों ने पुलिस को भी घेर लिया. गाड़ियां जला दीं और दुकानों में आग लगा दी. हालांकि पूरे इलाके में माहौल शांत है लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है. मृतक के गांव में किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. पुलिस गांव के बाहर जमा प्रदर्शनकारियों को हटा रही है. हल्का बल प्रयोग किया गया.
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी से बात की है और नया अपडेट लिया है. गृह विभाग के सचिव संजीव गुप्ता और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश मौके पर पहुंचे. इस बीच अमिताभ यश का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह हाथ में पिस्टल लेकर बदमाशों का पीछा करते नजर आ रहे हैं.
कौन था मृतक रामगोपाल?
पुलिस के समझाने के बाद मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए और राम गोपाल मिश्रा बहराइच के घसियारीपुरा के मंसूर गांव के रहने वाले थे. उनकी उम्र 22 साल थी. रविवार को मंसूर गांव में महाराजगंज बाजार से दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जायी जा रही थी. इसी दौरान संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क उठी और संघर्ष के दौरान राम गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना में जमकर पथराव और फायरिंग हुई. करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गये.
कैसे भड़की हिंसा?
एसपी वृंदा शुक्ला के मुताबिक, जुलूस महसी तालुका के महाराजगंज इलाके में एक मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रहा था. इसी बीच हिंसा भड़क गई और अराजकता फैल गई. इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है. पूरी घटना में सलमान नाम के शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के मुताबिक, सलमान की दुकान से गोली चली, जिसमें रामगोपाल की मौत हो गई.
क्या हर साल पलायन यात्रा इसी रास्ते से होती थी?
हर साल इसी रास्ते से पलायन का सिलसिला शुरू होता था. स्थानीय लोगों के मुताबिक, आज तक इलाके में किसी जुलूस या जुलूस के दौरान कभी हिंसा नहीं हुई है. इस बार हिंसा की शुरुआत डीजे के खिलाफ लगाए गए आपत्तिजनक नारों से हुई. यह भी आरोप है कि मृतक रामगोपाल ने एक जगह हरे झंडे को उखाड़कर भगवा झंडा फहरा दिया था, जिसके बाद आपत्तिजनक नारे और भी हिंसक हो गए.
आपत्तिजनक नारेबाजी के बाद पथराव
जिस इलाके में नारे लगाए जा रहे थे वो मुस्लिम बहुल इलाका है. आपत्तिजनक नारे लगाने के बाद दोनों गुट आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया. पथराव के दौरान दूसरे पक्ष की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें रामगोपाल की गोली लगने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि राम गोपाल के अलावा कई अन्य लोगों को भी गोली मारी गई. हालाँकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस घटना में कई लोग घायल हो गए हैं. महराजगंज के कबाड़िया टोला में 30 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है.
रामगोपाल की दो माह पहले शादी हुई थी
हिंसा में जान गंवाने वाले राम गोपाल के परिवार में उनके माता-पिता और एक बड़ा भाई है। राम गोपाल परिवार के सबसे छोटे बेटे थे। 2 महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, अब परिवार मुख्यमंत्री से मिलकर आरोपियों के एनकाउंटर की मांग पर अड़ा है. विधायक सुरेश्वर सिंह ने परिजनों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार करने को राजी हो गया है.