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यूक्रेन और फिलिस्तीन के लिए उम्मीद की किरण हैं पीएम मोदी

दुनिया के लिए ‘शांतिदूत’ बन रहा है भारत, समझिए यूक्रेन और फिलिस्तीन को पीएम मोदी से क्यों है इतनी उम्मीद?

अब अगर अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के खिलाफ कोई नया गुट बन सकता है तो वह ब्रिक्स देश ही होंगे। हालाँकि ये काम इतना आसान नहीं है. क्योंकि, ब्रिक्स के दो सबसे बड़े देशों चीन और भारत के बीच टकराव के कई बिंदु रहे हैं। क्या नई वैश्विक व्यवस्था में शांति के लिए भारत सबसे अच्छा विकल्प है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और यूक्रेन यात्रा से शुरू हुई इस शृंखला की तस्वीर गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स देशों की बैठक के दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की ओर से संदेश भी दिया गया.

इससे पहले रूस के राष्ट्रपति ने खुद कहा था कि भारत उन देशों में से है जो रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात में उम्मीद जताई कि भारत शांति का रास्ता खोज लेगा. खुद प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध किसी भी संकट का समाधान नहीं है. बातचीत से मामला सुलझाना चाहिए.