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मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना युवाओं को बना रही आत्मनिर्भर

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प्रयागराज, 30 सितम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना उत्तर प्रदेश सरकार के खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से उप्र माटी कला बोर्ड द्वारा संचालित योजना के तहत पेशेवर वर्गों सहित प्रदेश के युवाओं को बैंक के जरिये 10 लाख रुपये तक का ऋण निर्धारित नियमां के अधीन दिया जाता है। इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को माटी कला योजना उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उप्र में ऐसे काफी परिवार हैं जो चाक के व्यवसाय पर ही निर्भर हैं। माटी कला योजना के माध्यम से कुम्हार, कहार व माटी कला से सम्बन्धित युवा वर्ग को ऋण लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ाने का सुनहरा मौका दिया गया है। इसके अलावा योजना के तहत सरकार युवाओं को इलेक्ट्रिक चाक भी बिल्कुल फ्री में दे रही है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य पिछड़ी एवं अनुसूचित जाति के युवक युवतियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कौशल सुधार योजना के अंतर्गत माटी कला योजना के सामंजस्य से प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के लिये आयु 18 साल से 45 वर्ष निर्धारित है।

बताया गया है कि इससे प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त होगा। माटी व शिल्पकला उद्योगों का विकास होगा तथा व्यवसाय में वृद्धि होगी। लोग प्लास्टिक की जगह मिट्टी के बर्तन का अधिक प्रयोग करने को प्रोत्साहित होंगे। मिट्टी के बर्तन के उपयोग में मिट्टी में मौजूद 26 पोषक तत्व से स्वास्थ्य ठीक रहेगा। मिट्टी के बर्तन को बढ़ावा देने से विदेशी प्रोडक्ट के आयात पर भी रोक लगेगी। मिट्टी के बर्तन का अधिक प्रयोग होने से प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण पर रोक भी लगेगी।

माटी कला योजना के जरिये मिट्टी से बने बर्तन की परम्परा को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है। आजकल लोग अधिक से अधिक डिस्पोजेबल उपयोग करते हैंं। एक बार प्रयोग करके फेंक देते हैं। डिस्पोजेबल के उपयोग से हमारे शरीर के अंदर हानिकारक केमिकल पहुंच जाते हैं जिससे हम गम्भीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए मिट्टी के बर्तन को बढ़ावा देने से हम खतरनाक बीमारियों से बच सकते हैं।

जिला सूचना अधिकारी ने बताया कि इस योजना का एक और उद्देश्य कुम्हारों को नवीन तकनीक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना तथा तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। इस के तहत माटीकला कारीगरों के लिये स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिये प्रशिक्षण तथा तकनीकी कार्यशालायें, विकास गतिविधियां संचालित की जा रही है। नये प्रशिक्षित कारीगरों को नये डिजाइन के विकास के लिये प्रशिक्षण तथा जरूरी उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पात्र लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराना भी इस योजना का उददेश्य है।

मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना की तर्ज पर 10 लाख रुपये तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। पूंजीगत ऋण पर 25 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान के रूप में भुगतान किये जाने का प्रावधान है। विगत वर्षों में प्रदेश में 934 इकाइयों की स्थापना करायी गयी जिसमें ऋण वितरण करते हुए 2802 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। विगत वर्षों में इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 15932 लाभार्थियों को प्रशिक्षण व माटीकला टूलकिट्स का वितरण कराया गया। जिससे हजारो व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। चालू वित्तीय वर्ष में 2700 लाभार्थियों को विद्युत चालित कुम्हारी चाकों एवं अन्य उपकरणों का वितरण कराते हुए 2325 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।