यूरोपीय संघ के पूर्व ब्रेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर फ्रांस के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने 50 दिनों की कार्यवाहक सरकार के बाद शुक्रवार को नए पीएम की घोषणा की। राष्ट्रपति और उनके सहयोगी नए प्रधान मंत्री की तलाश में कई सप्ताह से माथापच्ची कर रहे थे।
फ्रांस को ऐसे पीएम की तलाश थी जो मैक्रों के विरोधियों की नई सरकार बनाने की कोशिश को नाकाम कर सके. मैक्रों ने पीएम मिशेल बार्नियर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, जिसमें फ्रांस को एकजुट करना और चुनाव नतीजों के बाद पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध को दूर करना शामिल है.
राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर प्रधानमंत्री पद के लिए मिशेल बार्नियर के नाम की घोषणा की. इसमें कहा गया कि ‘मिशेल को देश और फ्रांसीसी लोगों की सेवा के लिए एकीकृत सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।’ राष्ट्रपति का मानना है कि नये प्रधानमंत्री का कार्यकाल स्थिर होगा, उन्होंने यही उम्मीद भी जताई है.
फ्रांस में स्थिर सरकार चलाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी
मिशेल बार्नियर के सामने सबसे बड़ी चुनौती सरकार को बनाए रखना है। क्योंकि, इस सरकार पर हमेशा अविश्वास प्रस्ताव का खतरा मंडराता रहता है. ऐसे में बार्नियर को संसद में रहकर सुधार और 2025 के बजट को आगे बढ़ाना होगा. बार्नियर वर्तमान में 73 वर्ष के हैं और आधुनिक फ्रांसीसी राजनीति के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री बन गए हैं। जो सबसे कम उम्र के पीएम ग्रेबियल एटल की जगह लेंगे। 16 जुलाई को त्रिशंकु चुनाव परिणाम आने के बाद एथेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
मिशेल बार्नियर के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है
मिशेल बार्नियर एक अनुभवी फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ हैं, जो हाउते-सावोई के अल्पाइन क्षेत्र से हैं। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए हुई वार्ता में बार्नियर प्रमुख वार्ताकार थे। बार्नियर 27 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने, जिसके बाद उन्होंने फ्रांस सरकार में विदेश मंत्री, कृषि मंत्री समेत कई जिम्मेदारियां संभालीं। वह पिछले 15 सालों से फ्रांस की राजनीति से दूर हैं वे अपना अधिकांश समय ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय में बिता रहे हैं।