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मिथिलावादी पार्टी की राजनीतिक सशक्तिकरण कर बनाएंगे मिथिला राज्य : अविनाश भारद्वाज

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सहरसा, 29 सितंबर (हि.स.)। शहर के विद्यापति नगर स्थित अभिनव सेलिब्रेशन सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन भारतीय संविधान अंतर्गत अलग मिथिला राज्य निर्माण की मांग पर चर्चा आयोजित कर नये संकल्प के साथ समापन समारोह संपन्न किया गया । सांगठनिक चर्चा में राष्ट्रीय स्तर के सभी पदाधिकारी शामिल हुए।

अंतिम सत्र में सम्बोधित करते हुए मिथिलावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि भोगौलिक , आर्थिक , ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं । दुर्भाग्य की बात है कि भारत की स्वतंत्रता के समय ही इसे राज्य का दर्जा प्रदान नहीं किया गया । परिणामस्वरूप स्वतंत्रता के पूर्व तथा बाद से कुछ वर्षों में जो इसका आर्थिक ढांचा था धीरे – धीरे वह भी नष्ट हो गया । शोषण तथा उपेक्षा इतनी बढ़ती गई कि सारे उद्योग – धंधे समाप्त हो गए तथा उससे सम्बंधित कृषि का विनाश होता गया ।

उन्हाेंने कहा कि प्रतिवर्ष बाढ़ एवं अकाल के तांडव तथा राजनेताओं के खोखले आश्वासन , छलावा एवं शोषण यहाँ की नियति बन गई । अतः अगर शोषण तथा विकास को आधार मानकर राज्यो का निर्माण होता रहा है तो भी मिथिला राज्य का निर्माण परमावश्यक एवं समयानुकूल है । मिथिला राज्य पर आयोजित सत्र को विद्या भूषण राय , गुलफाम रहमानी , सागर नवदिया , अमित ठाकुर , रजनीश प्रियदर्शी , अर्जुन दास , राज पासवान , रमण झा , झमेली राम समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।