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मानव व वन्यजीव दोनों को बचाने की रणनीति पर कार्य कर रहा वन विभाग: डा. अरूण सक्सेना

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लखनऊ, 24 अगस्त (हि.स.)। हॉटस्पॉट तथा महत्वपूर्ण प्राकृतवास में तैनात वन विभाग के कर्मचारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन, वन्यजीव सुरक्षा तथा प्राकृतवास प्रबंधन एवं मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं से निपटने के लिए सक्षम बनाने हेतु कार्यशालाओं/प्रशिक्षण का आयोजन भी कराया जा रहा है। उक्त बातें प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने वन विभाग मुख्यालय स्थित अरण्य भवन के पारिजात सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही।

डा0 सक्सेना ने कहा कि मानव व वन्यजीव संघर्ष का एक कारण यह भी है कि मानव की आबादी बढ़ रही है और वह जंगल की ओर जा रहा है तथा जानवरों की आबादी भी बढ़ रही है और वह जंगल के बाहर भाग रहा है। विभाग उक्त सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इस संघर्ष को न्यून करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर कार्य कर रहा है जिससे कि मानवों के साथ-साथ वन्यजीवों का भी संरक्षण किया जा सके।

वन मंत्री ने विभाग द्वारा मानव व वन्यजीव संघर्ष को न्यून करने की दिशा में वन विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयास एवं भविष्य की रणनीति को विस्तार पूर्वक बताया। मानव-वन्यजीव संघर्ष तब होता है जब मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच मुठभेड़ नकारात्मक परिणामों की ओर ले जाती है। इसके फलस्वरूप सम्पत्ति, अजीविका और कभी-कभी जीवन का नुकसान भी होता है। इन मुठभेड़ों के परिणामस्वरूप मानव-वन्यजीव दोनों को तुरंत प्रभावित होना पड़ता है। जैसे-जैसे मानव आबादी व स्थान की मांग बढ़ती जा रही है, लोगों और वन्यजीवों के बीच परस्पर क्रिया और संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। इस कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि होती है। प्रदेश में वन क्षेत्रों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ, तेन्दुआ एवं भेड़िया के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। इन घटनाओं को विभाग द्वारा अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए तत्काल उचित कार्यवाही की जा रही है।

डा0 सक्सेना ने बताया कि वन्यजीव के हमले की घटनाओं से पीड़ित व्यक्ति के परिवार को नियमानुसार आर्थिक सहायता/मुआवजा दिलाने की त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। इस वर्ष जनवरी 2024 से अब तक हिंसक वन्यजीव तथा बाघ एवं तेन्दुआ द्वारा मारे/घायल किए गए व्यक्तियों के आश्रितों को 156.00 लाख रुपये की अनुग्रह आर्थिक सहायता धनराशि स्वीकृत की गई है।