लखनऊ, 21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित गोरखगिरि पहाड़ी पूज्य संत गुरु गोरखनाथजी की तपोभूमि रही है। यहीं वह अपने शिष्यों के साथ रहते थे। केंद्र सरकार ने यहां के पर्यटन विकास की पहल की है। विशिष्ट ग्रेनाइट चट्टान संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध इस पर्वत के साथ-साथ रहिलिया सूर्य मंदिर और कीरत सागर झील के आसपास पर्यटन सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। यह जानकारी पर्यटन मंत्री ने जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन मंत्री ने जयवीर सिंह ने बताया कि इस स्थल का भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के तहत चयन किया गया। गोरखगिरि पहाड़ी के ऊपर, जो अपनी विशिष्ट ग्रेनाइट चट्टान संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। इस साइट पर गुफाएं और झरने हैं, जो एक मनोरम प्राकृतिक परिदृश्य पेश करते हैं। यहां आने वाले पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग के रोमांच का आनंद ले सकते हैं, जबकि अन्य लोग प्राकृतिक परिवेश के बीच शांतिपूर्ण पिकनिक का विकल्प चुन सकते हैं। साथ ही, यहां ग्रेनाइट से बना 9वीं शताब्दी का सूर्य मंदिर है। महोबा का समृद्ध इतिहास इसकी कई झीलों में परिलक्षित होता है, जिसमें कीरत सागर भी शामिल है। कीरत सागर झील को कीर्तिवर्मन ने 1060-1100 ई. के बीच बनवाया था। यह अपने प्रभावशाली ग्रेनाइट तटबंधों के लिए विख्यात है।