अररिया 03 सितंबर(हि.स.)। 120 वर्षों से निकल रहे ऐतिहासिक महावीर झंडा शोभायात्रा जुलूस के दौरान विघ्न डालने के असफल प्रयास के पीछे सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी के महंत पंडित कौशल किशोर दूबे ने षड्यंत्र करार दिया।मंगलवार को मंदिर परिसर में महंत ने प्रेस कांफ्रेंस कर महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस के सफल आयोजन को लेकर प्रशासन समेत सभी अखाड़ा और जुलूस में शामिल लोगों के साथ शहर के लोगों के प्रति आभार प्रकट किया।सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी के महंत ने वर्षों से आयोजित शोभायात्रा में पहली बार व्यवधान पैदा कर सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के प्रयास की निंदा की।
दुबे ने कहा कि कुछ स्वयंभू समाज के ठेकेदारों द्वारा आयोजन के प्रारंभ से ही साजिश रची जा रही थी कि शोभायात्रा असफल हो जाए। जिसको लेकर लगातार श्री सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी को लेकर अफवाह फैलाकर प्रशासन को भी गुमराह किया जा रहा था। इसी कड़ी में प्रशासन के समक्ष वर्षों से निर्धारित शोभा यात्रा के रूट दरभंगिया टोला को डायवर्ट करने की कोशिश इन साजिशकर्ताओं द्वारा की गई, परंतु परंपरागत रूट को बदल पाने में सफल नहीं होने पर इन साजिशकर्ताओं ने साजिश रच स्वयं ही डीजे भाड़ा पर कर आपत्तिजनक गाना बजाया एवं इन्हीं के लोगों ने उसे डीजे वाहन पर हमला करवा सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने एवं दंगा फैलाने के उद्देश्य से एक घृणित प्रयास किया, जिससे भविष्य में पारंपरिक रूट को बदला जा सके, परंतु दोनों पक्षों के सूझबूझ एवं प्रशासन की तत्परता के कारण एक बड़ी घटना को घटना से रोका जा सका।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन के समक्ष शोभायात्रा के रूट बदलने के प्रस्ताव रखने वाले एवं आपत्तिजनक गाना बजाने वाले डीजे को भाड़ा करने वाले व्यक्ति को चिन्हित कर उनकी जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा । दुबे ने कहा कि अफवाह फैलाई जा रही है कि पहली बार शोभायात्रा के दौरान दरभंगिया टोला स्थित मस्जिद के मौलाना से गले न मिलकर परंपरा तोड़ी गई, जो सर्वथा गलत और बेबुनियाद है,जबकि सच्चाई है कि वर्ष 2023 में ही इन्हीं साजिशकर्ताओं ने उक्त मौलाना को यात्रा के दौरान उपस्थित रहने से रोक दिया था। जिसके कारण पूर्व से चली आ रही गला मिलने की परंपरा समाप्त हो गई थी। वहीं यह भी अफवाह उड़ाई गई की शोभायात्रा का नेतृत्व पैसा लेकर दिया जाता है। जो पूर्णत निराधार है।