प्रयागराज, 11 अक्टूबर (हि.स.)। महाकुम्भ-2025 को भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही योगी सरकार दुनिया के सबसे बड़े आयोजन को पूरी दुनिया के सामने मिसाल के रूप में प्रस्तुत करने जा रही है। करीब दो माह तक चलने वाले इस बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के साथ ही इस बार कुम्भ 2019 की तर्ज पर कई बड़े वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी स्थापित किए जाएंगे। ये रिकॉर्ड्स कुम्भ 2019 में बनाए गए रिकॉर्ड्स में सुधार करेंगे और सार्वजनिक गतिविधियों में जनभागीदारी की भावना को प्रोत्साहित करेंगे।
2019 में जहां इन गतिविधियों पर योगी सरकार ने 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए थे तो वहीं इस बार 5 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान किया गया है। इन रिकॉर्ड्स के जरिए योगी सरकार पूरी दुनिया को ग्रीन एवं स्वच्छ महाकुम्भ का संदेश भी देगी।
पिछली बार से ज्यादा खर्च की जाएगी राशि
योगी सरकार ने महाकुम्भ के पावन अवसर पर आम लोगों की सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक पैमाने पर तैयारियां की हैं। जनसहभागिता के माध्यम से चार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्थापित किए जाने की योजना है। इन सभी गतिविधियों को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में स्थापित करने के लिए योगी सरकार की ओर से कुल 4.87 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान किया गया है। इसमें गतिविधियों के प्रबंधन पर सवा दो करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि अन्य विकास कार्यों पर भी 1.62 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। इससे पूर्व 2019 कुम्भ में भी कई बड़े वर्ल्ड रिकॉर्ड्स स्थापित किए गए थे, जिन पर योगी सरकार ने 3.53 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की थी। इस तरह महाकुम्भ में विभिन्न रिकॉर्ड्स के लिए आयोजित होने वाली गतिविधियों में 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
सामुदायिक भागीदारी की भावना को प्रोत्साहन
कुम्भ 2019 में योगी सरकार द्वारा सर्वाधिक हैण्डप्रिंट प्रिंटिंग का रिकॉर्ड्स स्थापित किया गया था। उस दौरान 8 घंटे में 60 फीट के कैनवास पर 7,664 लोगों द्वारा हस्ताक्षर पेंटिंग में योगदान दिया गया था। यह रिकॉर्ड एक सामुदायिक भागीदारी गतिविधि थी, जिसमें दुनिया भर के लोगों ने भाग लिया। इस गतिविधि ने दक्षिण कोरिया द्वारा बनाए गए 4675 हस्ताक्षरों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा। महाकुम्भ 2025 में योगी सरकार ने इस गतिविधि में 10 हजार लोगों को सम्मिलित कर नया रिकॉर्ड स्थापित करने की योजना बनाई है।
ग्रीन एनर्जी और क्लीन एनवायर्नमेंट को मिलेगा बढ़ावा
इसी तरह कुम्भ 2019 में योगी सरकार की ओर से मेला क्षेत्र में 28 फरवरी 2019 को सबसे बड़ी बस परेड का आयोजन किया गया था। प्रयागराज मेला प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की परिवहन क्षमता के कुशल प्रबंधन को प्रदर्शित करने के लिए इस गतिविधि के माध्यम से 503 बसों के बेड़े ने शानदार परेड निकाली थी, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया था। इसने अबुधाबी द्वारा बनाए गए 390 बसों के पिछले रिकॉर्ड को ध्वस्त किया था। इस बार महाकुम्भ में ग्रीन एनर्जी और हेल्दी इनवायर्नमेंट के प्रति जागरूकता संदेश देने के लिए एक हजार इलेक्ट्रिक रिक्शा (ई-रिक्शा) की परेड निकालने की योजना है।
स्वच्छता का देंगे संदेश
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि कुम्भ 2019 में घाटों और मेला क्षेत्र की एक साथ सफाई को लेकर भी रिकॉर्ड स्थापित किया गया था, जो योगी सरकार की स्वच्छता और कचरा निपटान प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उस दौरान 10,180 लोगों ने इसमें सहभागी बनकर एक ही समय में कई स्थानों पर सफाई अभियान चलाया। यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। इस महाकुम्भ में इस रिकॉर्ड को भी तोड़ने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। योजना अनुसार इस बार 15 हजार लोग एक साथ मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों और घाटों पर सफाई अभियान चलाएंगे। स्वच्छता के इस कार्यक्रम में एक और नया रिकॉर्ड स्थापित किया जाएगा, जिसके तहत 300 लोग एक साथ नदी में उतरेंगे और सफाई अभियान को अंजाम देंगे।