मथुरा, 26 अगस्त(हि.स.)। जो अजन्मा हैं वह भक्तों के हितों के लिये अवतार लेकर प्रकट होते हैं। चाहे गौपी, ग्वाल, भईया, सखा बनो या मईया जो भी अच्छा लगे कृष्ण से रिश्ता जोड़कर उनके अधीन हो जाओ। वही बेड़ापार करने वाले हैं, वही उद्धार करने वाले हैं। सोमवार शाम कृष्णभक्तों को कन्हैया की कथा श्रवण कराते हुये देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने यह उद्गार व्यक्त किये ।
प्रियाकान्तजु मंदिर पर देवकीनंदन महाराज ने कहा कि ब्रजवासियों के सौभाग्य का कितना वर्णन किया जाये। पूरी दुनिया जिन योगीराज श्रीकृष्ण को भगवान के रूप में पूजती है, उन कृष्ण को ब्रज में ‘लाला’ कहकर गोद में खिलाते हैं। ब्रज की महिलायें कभी गोपियां बन जाती हैं, कभी खुद को यशोदा मईया मानकर अपने-अपने घरों में कन्हैया का जन्म कराती हैं। ब्रज में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन हर घर में कृष्ण प्रकट होते हैं।
कथा प्रसंग में उन्होंने कहा कि सूर्योदय और सूर्यास्त पवित्र समय है। दोनो समय परमात्मा का चिंतन और भजन करना चाहिये। इस समय आहार, शयन और संसर्ग नहीं करना चाहिये। इसके परिणाम सुखद नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग में जीवन की राह मिलती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में कृष्ण जन्म से पूर्व भक्तों ने भजनों पर नृत्य कर खूब आनंद मनाया। बाल व्यास देवांश ठाकुर ने ‘‘प्रियाकान्तजु के अंगना बधाई बाजे, मईया यशोदा के अंगना बधाई बाजे….मेरे नंद जु के अंगना बधाई….सारे ब्रजवासी मगन होके नाचे…’’ भजन गाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।
मंदिर सचिव विजय शर्मा ने बताया कि मंगलवार को मंदिर में श्रीकृष्णजन्माष्टमी मनायी जायेगी। इसके लिये विशेष तैयारियाँ की गयी हैं। मध्यरात्रि को हजारों भक्तों के मध्य कन्हैया का अभिषेक पश्चात महाआरती उतारी जायेगी ।