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भारत होगा मालदीव का सबसे बड़ा बेस, क्या 875 करोड़ रुपए से टिक पाएगा देश?

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मालदीव को उम्मीद है कि हमेशा की तरह, आने वाले वर्षों में भारत उसका सबसे बड़ा आधार होगा। अगर उनकी उम्मीदें पूरी हुईं तो उन्हें भारत से 875 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं, लेकिन क्या यह रकम उनके लिए काफी होगी?

हाल ही में मालदीव और भारत के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, लेकिन अब उनके बीच अच्छे रिश्ते लौटने की उम्मीद जगी है। इस बात की पुष्टि तब भी हुई जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने हाल ही में भारत का दौरा किया। अब मालदीव को उम्मीद है कि भारत हमेशा की तरह अगले साल भी उसका सबसे बड़ा सहारा बनेगा और उसे 875 करोड़ रुपये (करीब 1.6 अरब मालदीवियन रूफिया) की मदद मिलेगी।

दरअसल, मालदीव को हर साल अपने विदेशी सहयोगियों से भारी मात्रा में सहायता मिलती है। ऐसे में मालदीव सरकार का अनुमान है कि भारत उसे 2025 में 875 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता प्रदान करेगा। यह उसे मित्र देशों से मिलने वाली कुल विदेशी सहायता का 72 प्रतिशत है.

मालदीव के बजट में ये बात कही गई

न्यूज वेबसाइट ‘Adhaadhoo.com’ के मुताबिक, गुरुवार को मालदीव की संसद में बजट पेश किया गया. मालदीव बजट 2025 में विदेशी सहायता का यह अनुमान है। बजट प्रस्ताव 2025 के तहत, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू के नेतृत्व वाले प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय अनुदान सहायता में कुल 2.25 बिलियन मालदीवियन रूफ़िया (एमवीआर) का अनुमान लगाया है।

इसे भारत से 72 प्रतिशत विदेशी अनुदान मिलने की संभावना है। यह 1.6 बिलियन एमवीआर (लगभग 875 करोड़ भारतीय रुपये) है।

चीन से आ सकता है इतना पैसा!

मालदीव को चीन से भी काफी मदद मिलती है. तो, 2025 में इसे चीन से 502 मिलियन एमवीआर मिल सकता है। यह उसे मिलने वाली विदेशी सहायता का लगभग 22 प्रतिशत है। इसके अलावा मालदीव सरकार को जापान, पाकिस्तान, सऊदी अरब और नीदरलैंड जैसे अन्य मित्र देशों से भी अनुदान सहायता मिलने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इस साल मालदीव को ‘महत्वपूर्ण’ वित्तीय सहायता प्रदान की है। पिछले महीने, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू की भारत यात्रा के दौरान, भारत ने 400 मिलियन डॉलर (लगभग 3,360 करोड़ रुपये) की सहायता की घोषणा की थी।

मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू चीन के बेहद करीबी माने जाते हैं. उनके चुनाव प्रचार का बड़ा हिस्सा ‘भारत-विरोधी’ था. इसलिए उनके शुरुआती रवैये से मालदीव और भारत के रिश्तों में कुछ तनाव आता दिख रहा है.