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बृजबिहारी प्रसाद मामले में SC का फैसला, सूरजभान समेत 6 बरी

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में पूर्व सांसद सूरजभान समेत छह लोगों को बरी करने के पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला समेत दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों को 15 दिन के अंदर सरेंडर करने को कहा है.

इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत 8 लोगों को बरी कर दिया. हाई कोर्ट के इस आदेश को बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने मुन्ना शुक्राला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई और 15 दिनों के अंदर सरेंडर करने को कहा.

साल 2014 में बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बृजबिहारी प्रसाद के मामले में पटना हाई कोर्ट ने सभी 8 आरोपियों मुन्ना शुक्ला, सूरजभान, राजन तिवारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. पटना हाई कोर्ट के इस फैसले को बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील पर सुनवाई 22 अगस्त को पूरी हो गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए आज फैसला सुनाया.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मंटू तिवारी और विजय कुमार शुक्ला उर्फ ​​मुन्ना शुक्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप साबित हुए हैं। पीठ ने उन्हें 15 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने को भी कहा.

24 जुलाई 2014 को हाईकोर्ट ने साक्ष्यों पर विचार करते हुए कहा कि सूरजभान सिंह उर्फ ​​सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, मुन्ना शुक्ला व राजन तिवारी पात्र हैं. अभियोग पक्ष। संदेह का लाभ. इसने अधीनस्थ अदालत के 12 अगस्त, 2009 के आदेश को रद्द कर दिया, जिसने उन्हें दोषी ठहराया था और सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।