ADG बिहार श्री जितेन्द्र सिंह गंगवार ने दो दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी
बिहार पुलिस के जवान और दरोगा इंस्पेक्टर लेबल तक के अधिकारी, जो बचे है उनका अधिकारी बनने का ख्वाब जल्द ही पूरा हो सकता है।
कुछ लोग केश लड़कर और जीतकर 2019 में प्रमोशन तो पा गए पर अभी भी इंस्पेक्टर से डीएसपी के 359+, सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर के 700+, ए एस आई से एस आई के 2500+, और सिपाही से हवलदार के करीब 5000+ पुलिसकर्मी भी अपने प्रमोशन की बाट जोह रहे है। हालाँकि कुछ पुलिसकर्मियों को कार्यकारी प्रभार दिया गया है सही समय पर पदोन्नती नहीं देना सरकार एवं पुलिस महानिदेशक महोदय की उदासीनता परिलक्षित होती हैं पूर्व DGP साहब का कहना था कि निचे स्तर पर काम लेना है तो उनका मनोबल बढ़ाने के लिये सभी समस्या का समाधान करने चाहिए
आज भी सीधी भर्ती के दरोगा 17 साल में भी इंस्पेक्टर नहीं बन पाए जबकि अन्य राज्यों में सीधी भर्ती के दरोगा डीएसपी तक बनाए गए हैं दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार सरकार के दरोगा अपने को हिन समझते हैं आज भी सही ढंग से प्रमोशन नहीं दिया गया है। 2009 बैच के सीधी भर्ती वाले दरोगा का पदवंती न देकर वर्ष 2018 में जो भर्ती किए गए थे उनको इंस्पेक्टर बना दिया गया। पदोन्नति में भी विसंगतियां दूर नहीं हुई है इसका खामियाजा अच्छे-अच्छे कार्य करने वालों को भुगतना पड़ रहा है। मानसिक रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं और खुद को अपेक्षित महसूस कर रहे है।
दरअसल इन पुलिस कर्मियों का मामला अदालत मे चल रहे “प्रमोशन मे आरक्षण ” केस के कारण लंबित है। पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था की प्रमोशन मे आरक्षण उचित नहीं है। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गई जहाँ सिर्फ तारीख तारीख पर ही मिल रहा है। सरकार का भी इस मामले मे ढुल मूल रवैया है। लेकिन इसका सीधा असर पुलिसकर्मियों के मनोबल पर पड़ रहा है। कई पुलिस कर्मी प्रमोशन की चाहत लिए रिटायर हो गए कई हो रहे है। जबकि सरकार हर साल रिटायर होने वाले पुलिस कर्मियों को अनुबंध पर बहाल कर रही है लेकिन जिन्हे प्रमोशन मिलना चाहिए उन्हें प्रमोशन नहीं दे रही है। जबकि ऊपर के अधिकारियो का हर साल प्रमोशन हो रहा है।
जिसके परिणामस्वरूप एडीजी बिहार श्री जितेन्द्र सिंह गंगवार ने संज्ञान लेते हुए पूरे डेटा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका जवाब दिया।