बिहार के सीवान, छपरा और गोपालगंज जिले में जहरीली शराब से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. उत्पाद विभाग की टीम के साथ पुलिस ने बरौली थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर, मांझा और डायर इलाके में बड़े पैमाने पर छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में देसी शराब बरामद की गयी.
कहां और कितनी मौतें?
बिहार में शराब के जहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है सबसे ज्यादा मौतें सीवान जिले में हुईं, जहां 28 लोगों की जान चली गई. वहीं, छपरा जिले में 7 और गोपालगंज में 2 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
140 स्थानों पर ड्रोन कैमरे से छापेमारी की गई
एसपी अवधेश दीक्षित के निर्देश पर ड्रोन कैमरे की मदद से दियर इलाके में शराब भट्ठियों को चिह्नित कर ध्वस्त किया जा रहा है. पुलिस ने अर्धनिर्मित शराब को नष्ट करने के साथ-साथ शराब बनाने के उपकरण, गैस चूल्हा, ड्रम व गैलन को भी मौके पर ही नष्ट कर दिया. पुलिस अब तक 140 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. इस बीच पांच हजार लीटर से अधिक देशी शराब नष्ट कर दी गयी. पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और अभियान जारी रहेगा.
मौतों के बावजूद जहरीली शराब के मामले नहीं थम रहे
जहरीली शराब से मौत का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी नगर थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर में 5 और खजूरबानी में 16 लोगों की मौत हो चुकी है. फिर भी लोग जहरीली शराब पीने से परहेज नहीं करते. सीवान और सारण के बाद गोपालगंज में जहरीली शराब से पिता-पुत्र की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है. घटना के बाद पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.
पुलिस की सख्त कार्रवाई
डीजीपी आलोक राज ने कहा कि पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विनिर्माण, भंडारण और आपूर्ति में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस बीच, एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा, ”अब तक पुलिस ने करीब 140 जगहों पर छापेमारी कर 5 हजार लीटर से ज्यादा शराब नष्ट की है. भारी मात्रा में शराब भी बरामद की गई है।” एसडीपीओ अभय कुमार रंजन ने कहा, “सीमावर्ती जिलों में हुई घटनाओं के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सतर्कता बढ़ा दी गई है. शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है और इस दौरान बड़ी मात्रा में शराब जब्त की गई है.”