हमीरपुर, 29 सितम्बर (हि. स.)। पिछले दो दिन से रुक रुककर हो रही बारिश ने तिल की फसल को करारा झटका दिया है। इससे किसान मायूस है। जो फसल खेतों में खड़ी है। उसमें कुछ गनीमत है। जो फसल काटकर खेतों में पड़ी है। उसके सड़ने की पूरी संभावना है। वहीं अन्य फसलों के साथ आगामी रबी की फसलों के लिए यह बरसात मील का पत्थर साबित होगी। घाघ की कहावत है कि हथिया पुरवाई पावै, लौट चौमास लगावै। यह कहावत अर्शे बाद सच साबित हुई है।
पितृपक्ष के अंतिम पखवारे में हथिया नक्षत्र लगता है। यह मौजूदा समय में चल रहा है। मौसम में बदलाव के कारण पुरवाई बह रही है। पुरवाई चलने से मौसम अचानक पलट गया है। मानसून की विदाई की बेला में झमाझम बारिश का दौर चल रहा है। यह सब कुछ हथिया (हस्त) नक्षत्र में हो रहा है। इससे घाघ की यह कहावत सच साबित हो रही है। दो दिन की झमाझम बारिश से तिल की फसल को तगड़ा झटका लगा है। खेतों में कटी पड़ी फसल के सड़ने की संभावना है। वहीं पकी खड़ी फसल पानी से खराब होने की आशंका बलवती हो रही है। किसान मानसिंह, उदयभान यादव, वरदानी कुशवाहा, प्रेम नारायण, प्रदीप कुमार, बरातीलाल आदि ने बताया कि बारिश ने तिल की फसल को पूरी तरह से बर्बाद किया है। इस बारिश से सर्वाधिक फायदा धान की फसल को हुआ है। साथ ही बारिश से आगामी रबी की फसलों की राह आसान हो गई है। बारिश के बाद मौसम साफ होते ही किसान दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बुवाई शुरू करेगा।
दैवीय आपदा से कराह रहे किसानों की मदद को आगे आए सांसद
बुंदेलखंड में खरीफ की फसलों को बरसात से बड़ा नुकसान होने पर किसानों में मायूसी छा गई है। हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र के सांसद अजेन्द्र सिंह राजपूत ने किसानों की मदद के लिए आज सूबे के सीएम और डीएम हमीरपुर को खत भेजकर बेमौसम बारिश से क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराने की मांग की है। सांसद ने कहा कि अत्याधिक बर्षा से फसलें नष्ट हो गई है। किसान भुखमरी के कगार पर आ गया है। लिहाजा खराब फसलों का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।