बांग्लादेश में बाढ़ से 50 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. संकट के बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर मॉनसून की बारिश जारी रही तो बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है.
जहां एक ओर बांग्लादेश राजनीतिक संकट से निकलने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर यहां बाढ़ ने कहर बरपा रखा है. लगातार बारिश और उफनती नदियों के कारण बांग्लादेश के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ से 20 लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लोगों को खाना और साफ पानी भी नहीं मिल रहा है. राजधानी ढाका और मुख्य बंदरगाह शहर चटगांव के बीच राजमार्ग और रेल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
मोहम्मद यूनुस ने क्या कहा?
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में कॉक्स बाजार भी शामिल है, जहां पड़ोसी देश म्यांमार से आए करीब 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों ने अपना घर बना लिया है। इस बीच, बांग्लादेश के प्रधान मंत्री मोहम्मद यूनुस ने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा कि प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए सामान्य स्थिति में वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमने भविष्य में बाढ़ की स्थिति को रोकने के लिए पड़ोसी देशों के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
स्थिति गंभीर हो सकती है
बांग्लादेश मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर मॉनसून की बारिश जारी रही तो बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है. अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ प्रभावित 11 जिलों में लगभग 3,500 राहत शिविरों में चार लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है। राहत शिविरों में करीब 750 मेडिकल टीमें इलाज के लिए मौजूद हैं. सेना, वायुसेना, नौसेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं.
बारिश ने बरपाया कहर!
कोमिला जिले के एक गांव के किसान अब्दुल हलीम (65) ने कहा कि आधी रात में बाढ़ के पानी में उनकी झोपड़ी बह गई। उन्होंने कहा कि न तो कोई सामान बचा है और न ही पीने का पानी। शायद ही कोई गांवों में राहत सहायता लेकर आया हो। गौर करने वाली बात यह भी है कि बांग्लादेश सैकड़ों नदियों से घिरा हुआ है और हाल के दशकों में यहां बाढ़ जैसी कई आपदाएं देखी गई हैं। मानसून की बारिश हर साल भारी तबाही मचाती है।