राजनीतिक संकट के बाद अब बांग्लादेश प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. देश के कई हिस्सों में बाढ़ से हालात खराब हो गए हैं. इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बाढ़ से बिगड़े हालात से निपटने में अब तक नाकाम रही है.
भारत सरकार ने बांग्लादेश के आरोप का जवाब दिया
बांग्लादेश में बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बांग्लादेश का आरोप है कि फरक्का बैराज खुलने से देश में बाढ़ आ गई है. फिर भारत सरकार ने बांग्लादेश के इस आरोप का जवाब दिया है.
बांग्लादेश को पहले ही सूचित कर दिया गया था
इसके बाद जायसवाल ने इन अफवाहों पर प्रतिक्रिया देना जरूरी बताया और कहा कि अतिरिक्त पानी की जानकारी बांग्लादेश को पहले ही दे दी गई थी और ऐसा पहले भी नियमित रूप से किया जाता रहा है.
बांग्लादेश में बाढ़ के मुद्दे पर जवाब में क्या बोले जयसवाल?
बांग्लादेश में बाढ़ के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए जयसवाल ने कहा कि यह समझ लेना चाहिए कि फरक्का सिर्फ एक बराज है, बांध नहीं. जब भी पानी का स्तर झील के स्तर तक पहुंचता है, तो अतिरिक्त पानी छोड़ दिया जाता है, यह केवल 40 हजार क्यूसेक पानी को फरक्का नहर में मोड़ सकता है, फिर इसे गंगा / पद्मा नदी के द्वारों का उपयोग करके सावधानीपूर्वक किया जाता है, जो भी पानी मुख्य में होता है नदी बहती है और बांग्लादेश तक जाती है।
विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि साझा नदियों में बाढ़ दोनों देशों की आम समस्या है और इसे आपसी सहयोग से हल करने की जरूरत है. बांग्लादेश में बाढ़ के बाद सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं. बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार बताया गया. बढ़ते विवाद को देखते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को खारिज कर दिया और बाढ़ की समस्या को दोनों देशों की आम समस्या बताया. साथ ही इसे मिलजुल कर सुलझाने पर भी जोर दिया गया है.