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फसल और कूड़ा जलाने की सेटेलाइट से की जा रही निगरानी: नूपुर गोयल

मेरठ, 10 सितम्बर (हि.स.)। मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने कहा कि फसलों के अवशेष को जलाने की बजाय किसान यदि उसकी जैविक खाद बनाए तो भरपूर उपज मिलेगी और किसानों की लागत कम होगी। फसल और कूड़ा जलाने की घटनाओं की सरकार द्वारा सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है, जिसके लिए 2500 से 15,000 रुपए तक जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान है।

फसल अवशेष प्रबंधन जैसे धान की पराली, कूड़ा तथा गन्ने की पत्ती ना जलाये जाने और बेहतर प्रबंधन के उपाय के सम्बंध में कृषि विभाग मेरठ द्वारा मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी मेरठ नूपुर गोयल ने की। कृषि विश्वविद्यालय मोदीपुरम के निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह ने बताया कि 16 से 18 अक्टूबर तक कृषि विश्वविद्यालय में विराट किसान मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी किसान भाई भाग लें।

उप कृषि निदेशक नीलेश चौरसिया द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन से सम्बंधित कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान के बारे में बताया। जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा किसानों के साथ की गयीं। गोष्ठी में 400 कृषकों ने भाग लिया। किसानों द्वारा समस्या एवं सुझाव रखे गए। गोष्ठी में विभिन्न उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।