जौनपुर,29 अक्टूबर (हि.स.)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को अनुशासनहीनता के चलते कार्य मुक्त कर दिया गया। सोमवार को हुई कार्य परिषद की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया। कार्य परिषद की आपात बैठक ऑफलाइन व ऑनलाइन कुलपति प्रोफ़ेसर वन्दना सिंह की अध्यक्षता में कुलपति सभागार में हुई। विचारो उपरांत परिषद ने फैसला लिया कि दोनों शिक्षकाें पर आरोप गंभीर हैं जिसमें एनवायरमेंटल साइंस के शिक्षक डॉ सुधीर उपाध्याय एवं फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ विनय वर्मा को शिक्षा सेवा से कार्य मुक्त कर दिया जाए।
शिक्षक डॉ सुधीर उपाध्याय के ऊपर इनवारमेंटल साइंस की कई छात्राओं ने दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। यह सिलसिला बढ़ता गया। इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिस पर कुलपति ने एक जांच कमेटी का गठन किया। हालांकि कमेटी ने आरोपी शिक्षक के पक्ष मेंं ही रिपोर्ट दी थी, लेकिन कार्य परिषद की बैठक में मामले को रखा गया और इनका छात्रों के प्रति आचरण काफी दिनों से गलत पाया गया। वहीं कई बार शिकायत थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए परिषद ने उन्हें शिक्षा सेवा से कार्य मुक्त कर दिया।
दूसरा मामला फार्मेसी संस्थान के डॉ विनय वर्मा का था, जिन पर गलत ढंग से मूल्यांकन करने व शिक्षकों के साथ मारपीट करने करवाने का आरोप था। इस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ और मामले पर काफी तूल पकड़ा था। परिषद ने संज्ञान में लेते हुए फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ विनय वर्मा को कार्य मुक्त कर दिया। इसके अलावा पिछले दिनों हुई विद्या परिषद अध्ययन परिषद परीक्षा समिति की बैठकों की पुष्टि की गई। बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर जगदीश सिंह दीक्षित, प्रो. अजय द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक डॉ विनोद कुमार सिंह, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, डॉ मोहन पांडे, डॉ सुशील कुमार, डॉ मनीष गुप्ता कार्य परिषद के अन्य सदस्य शामिल रहे थे।
फिलहाल पशिक्षकों की सेवा समाप्ति के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिखित रूप से कोई जानकारी नहीं दिया गया है। न ही शिक्षकों को उनके कार्य मुक्ति काे लेकर
काेई पत्र दिया गया है। इस मामले में कुलसचिव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
विद्या परिषद के सदस्य प्रो. अजय कुमार दुबे ने मंगलवार को बताया कि बैठक काे लेकर बताया कि यह अति गोपनीय मीटिंग होती है। इसकी जानकारी सिर्फ सदस्यों और आरोपितों को होती है। हालांकि इन दोनों मामलों में बैठक में शिक्षकों को कार्य मुक्त कर दिया गया है, लेकिन कार्रवाई रजिस्टर में अंकित ना होने के कारण इनको अभी कार्यमुक्त का पत्र नहीं दिया जा सका है। जल्द ही इन्हें पत्र दे दिया जाएगा।