पटना , 24 सितम्बर (हि.स.)। बिहार पुलिस मुख्यालय में मंगलवार शाम पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आलोक राज की अध्यक्षता में अपराध नियंत्रण को लेकर बैठक की गयी। बैठक में डीजीपी ने विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण के लिए पांच बिन्दुओं पर काम करने का मंत्र दिया।
डीजीपी ने बताया कि प्रीवेंशन, प्रिडिक्शन, डिक्टेशन, प्रॉसीक्यूशन और प्रिसक्रिप्शन से अपराध और विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न करने के लिए जरूरी है कि उन्हें कानूनी रूप से सजा दिलवायी जाये। उन्होंने कहा कि आपराधिक घटनाओं में कमी आयी है। उन्होंने जिलों के पुलिस अधीक्षक सहित सभी पदाधिकारियों को लीडरशिप की भूमिका निभाने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने कहा कि आमजनों में पुलिस के प्रति विश्वास बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि जन शिकायतों पर अविलम्ब कार्रवाई करते हुए उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाय। इसके लिए पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आनेवाले लगभग 40-50 व्यक्तियों से प्रतिदिन वे स्वयं मिल रहे हैं तथा उनकी समस्याओं को दर्ज किया जा रहा है। जिला के पुलिस पदाधिकारी को उक्त सभी समस्याओं के अनुवर्ती कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है। जिले के पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक और उप-महानिरीक्षक स्वयं नागरिकों से लगातार मिलने का समय निर्धारित करें तथा पुलिस मुख्यालय के द्वारा भेजे गये शिकायतों पर प्रत्येक माह समीक्षा कर कार्रवाई सुनिश्चित करायें।