प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम का स्वागत किया और आज वह पोलैंड के लिए रवाना हो गए. 45 साल में किसी भारतीय पीएम की यह पहली पोलैंड यात्रा है। दोनों देशों ने 1955 में राजनयिक संबंध स्थापित किये। पीएम मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों के 70 साल पूरे होने के मौके पर हो रहा है.
आखिरी बार तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1979 में पोलैंड का दौरा किया था। प्रधानमंत्री का यह दौरा 21 अगस्त से 22 अगस्त तक चलेगा. यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी, जिसमें रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। पोलैंड के बाद पीएम मोदी यूक्रेन जाएंगे, उनके दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है. इस दौरे से जुड़ी तमाम खबरों के बीच आइए एक नजर डालते हैं पोलैंड और भारत के रिश्तों पर।
पोलैंड के साथ भारत के राजनीतिक संबंध
- 45 साल हो गए जब किसी भारतीय प्रधान मंत्री ने पोलैंड का दौरा किया
- भारत और पोलैंड के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं
- दोनों देशों ने 1954 में राजनयिक संबंध स्थापित किये
- 1957 में वारसॉ में भारतीय दूतावास खोला गया
- 1954 में पोलैंड में भारत की वीवीआईपी राजनीतिक यात्राएं 1979 तक जारी रहीं
- पोलैंड मध्य यूरोप में भारत का प्रमुख भागीदार बनकर उभरा
- 1989 में पोलैंड द्वारा लोकतांत्रिक रास्ता चुनने के बाद भी संबंध घनिष्ठ बने रहे
- 2004 में पोलैंड के संघ में शामिल होने के बाद भी दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे बने रहे
1954 में पंडित नेहरू की पोलैंड यात्रा के बाद, भारत की पोलैंड में वीवीआईपी राजनीतिक यात्राएँ 1979 तक जारी रहीं। 1989 में पोलैंड द्वारा लोकतांत्रिक रास्ता चुनने के बाद भी संबंध घनिष्ठ बने रहे। 2004 में पोलैंड के यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद भी दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे बने रहे और पोलैंड मध्य यूरोप में भारत का मुख्य भागीदार बनकर उभरा।
पोलैंड के भारत के साथ किन क्षेत्रों में संबंध हैं?
भारत और पोलैंड संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विदेशी मामले, आतंकवाद और अपराध, रक्षा, आर्थिक सहयोग, स्वास्थ्य देखभाल और कोयला और खनन आदि सहित कई क्षेत्रों में भागीदार हैं। इसके अलावा 1989 में लोकतंत्र अपनाने के बाद पोलैंड ने भारत में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा, जिसने भारत के विशाल लोकतंत्र को समझा और अपने देश में भारत जैसा लोकतंत्र स्थापित करने का प्रयास किया। भारतीय लोकतंत्र को समझने के लिए पोलैंड ने 1992, 2000, 2002 और 2003 में अपने प्रतिनिधिमंडल भारत भेजे। 2002 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भी पोलैंड का दौरा किया था।
भारत के साथ पोलैंड के आर्थिक संबंध
- पोलैंड मध्य और पूर्वी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापार और निवेश भागीदार है।
- 2013-2023 के बीच पोलैंड के साथ कुल द्विपक्षीय व्यापार 192 प्रतिशत बढ़ेगा
- 2013 में 1.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 5.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- भारत में पोलैंड का कुल निवेश 685 मिलियन डॉलर है।
- पोलैंड में भारत का निवेश हर साल बढ़ रहा है और अब लगभग 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है
- कई भारतीय कंपनियां पोलैंड के विकास में योगदान दे रही हैं।
भारत से पोलैंड को निर्यात किए जाने वाले सामानों में कपड़ा, आधार धातु, रासायनिक उत्पाद, यांत्रिक उत्पाद, जूते और हेडगियर, प्लास्टिक, रबर और उसके उत्पाद, चीनी मिट्टी की चीज़ें, खाद्य पदार्थ और सब्जियां शामिल हैं। अगर निवेश की बात करें तो पोलैंड का भारत में कुल निवेश 685 मिलियन डॉलर है। वहीं, पोलैंड में भारत का निवेश भी हर साल बढ़ रहा है और अब लगभग 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
जानें 100 साल के इतिहास के बारे में
पोलैंड के लोगों का भी योगाभ्यास का एक लंबा इतिहास है। पोलैंड में योग का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है और भारत की तरह यहां के लोग भी योग के दीवाने हैं। पोलैंड में लगभग 30 लाख लोग योग करते हैं। पोलैंड में भी हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।