प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के बीच चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने बुधवार को मॉस्को में रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन से मुलाकात की. अभी पिछले महीने ही पीएम मोदी ने पुतिन से मुलाकात की थी और अब चीनी पीएम रूस पहुंचे हैं. विशेष रूप से, यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध तेज हो गया है, यूक्रेन रूस में अपना विस्तार तेज कर रहा है।
मुखबिरों ने क्या किया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन और रूस दोनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। इसलिए न केवल आपसी मुद्दों में बल्कि दुनिया के बहुध्रुवीकरण में भी दोनों के हित आपस में जुड़ सकते हैं।
पश्चिमी प्रतिबंधों का दबाव झेलना होगा
रूसी समाचार एजेंसी ताईस ने कहा कि मिशुस्टिन के अनुसार, पश्चिमी देश अपना प्रभुत्व बनाए रखने और रूस और चीन की आर्थिक और तकनीकी क्षमताओं को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिमी प्रतिबंधों का दबाव दोनों देशों को मिलकर झेलना होगा.
दोनों देश व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाएंगे
चीन-रूस संबंध मजबूत रहेंगे और किसी भी बदलाव की परवाह किए बिना एक-दूसरे के साथ व्यापार और व्यापक सहयोग बनाए रखेंगे। ऐसे में चीन इन संबंधों को और मजबूत करना चाहता है. बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से कहा गया कि दोनों देश नए युग के लिए व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाएंगे. दोनों देशों ने निवेश, ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और व्यापार के अलावा सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने पर भी बात की.