मुरादाबाद, 02 अक्टूबर (हि.स.)। श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार मुरादाबाद के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बुधवार को बताया कि शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि तीन अक्टूबर से शुरु होंगे और 11 अक्टूबर को श्री दुर्गा नवमी के साथ पूर्ण होंगे। इस बार माता रानी पालकी में सावर होकर आ रही हैं। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा पालकी या डोली में सवार होकर धरती पर आती हैं तो इसे बहुत अच्छा संकेत नहीं माना जाता है। दरअसल, पालकी में माता रानी का आना चिंता का विषय बन सकता है। इससे अर्थव्यवस्था में गिरावट, व्यापार में मंदी, हिंसा, देश-दुनिया में महामारी बढ़ने और अप्राकृतिक घटनाओं का संकेत मिलता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि वैसे तो नवरात्रि साल में चार बार मनाई जाती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि महात्मा का योगी गुप्त रूप से व्रत रखते हैं। आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ होते हैं और नवमी तिथि तक चलते हैं। भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा स्तोत्र और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं।
सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि दाे व तीन अक्टूबर की अर्धरात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन तीन व चार अक्टूबर को रात दाे बजकर 58 मिनट पर होगा। तीन अक्टूबर को घटस्थापना का मुहूर्त सुबह छह बजकर 15 मिनट से लेकर सात बजकर 22 मिनट तक होगा। घट स्थापना के मुहूर्त लिए कुल एक घंटा छह मिनट का समय रहेगा। इसके अलावा घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में भी की जा सकती हैं। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, जिसके लिए 47 मिनट का समय मिलेगा।
तिथिवार शारदीय नवरात्रः
पहला दिन – मां शैलपुत्री की पूजा – 3 अक्टूबर
दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्टूबर
तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्टूबर
चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्टूबर
पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्टूबर
छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्टूबर
सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्टूबर
आठवां दिन- मां सिद्ददात्री की पूजा – 10 अक्टूबर
नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्टूबर
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन व विजयदशमी – 12 अक्टूबर